Sharad Purnima : कल मनेगी कोजागर पूर्णिमा, रात्रि में होगी महालक्ष्मी पूजा, देव दीपावली का शुभारंभ

शरद पूर्णिमा यानी कोजागर पूर्णिमा का पर्व 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा से देव दीपावली की शुरुआत होती है और कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर तक रहेगी। शुक्रवार शाम 5ः44 बजे से शरद पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 04:20 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 04:20 PM (IST)
Sharad Purnima : कल मनेगी कोजागर पूर्णिमा, रात्रि में होगी महालक्ष्मी पूजा, देव दीपावली का शुभारंभ
शुक्रवार को मनेगी कोजागर पूर्णिमा, रात्रि में होगी महालक्ष्मी पूजा, देव दीपावली का शुभारंभ

हल्द्वानी, जेएनएन : शरद पूर्णिमा यानी कोजागर पूर्णिमा का पर्व 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा से देव दीपावली की शुरुआत होती है और कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर तक रहेगी। शुक्रवार शाम 5ः44 बजे से शरद पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी। सायंकाल 6ः50 बजे बाद स्थिर वृषभ लग्न में महालक्ष्मी पूजन कर सकते हैं।

शास्त्रों में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है। शरद पूर्णिमा को भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के मनोरथ को पूर्ण किया था। श्री महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक शरद पूर्णिमा को चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होता है। रात्रि में चंद्रमा की तेज अमृत्व का संचार होता है। रात्रि में महालक्ष्मी का पूजन करने के बाद चांद की रोशनी में रखी खीर का भोग लगाना चाहिए। इस बार शरद पूर्णिमा पर शुक्रवार और श्रीवस्त योग धन-समृद्धि का योग लेकर आ रहा है। इससे दरिद्रता दूर होती है। महालक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

खरीदारी के लिए दिनभर रहेगा मुहूर्त

शदर पूर्णिमा समृद्धि और संपन्नता देने वाली है। ऐसे में खरीदारी का विशेष महत्व है। डा. नवीन जोशी के मुताबिक सुबह 9ः30 बजे से रात 8ः30 बजे तक खरीदारी कर सकते हैं। सुबह 9ः30 से दोपहर 12ः30 बजे और दोपहर 1ः30 बजे से शाम 7ः30 बजे के बीच खरीदारी अति श्रेष्ठतम रहने वाली है।

31 को होगा पूर्णमासी दान

ज्योतिषी डा. नवीन चंद्र बेलवाल ने बताया कि स्नान, दान आदि की पूर्णमासी 31 अक्टूबर को होगी। भगवा श्री सत्यनारायण व्रत का पूजन और दान, हवन आदि भी 31 अक्टूबर को किया जाएगा। पूर्णिमा की तिथि को दान, स्नान आदि को विशेष फलदायी बताया गया है।

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