प्रेमी जोड़े की हत्या करने के अभियुक्त की सजा पर High Court करेगी अंतिम फैसला, लाेअर कोर्ट ने सुनाई है फांसी
nainital high court अभियोजन के अनुसार अभिजीत पाल पुत्र अतुल पाल निवासी कोलकाता और मोमिता दास निवासी नई दिल्ली 22 अक्तूबर 2014 को दिवाली की छुट्टियों में देहरादून के चकराता आए थे। यहां उनकी हत्या कर दी गई।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : Nainital High court: हाई कोर्ट ने देहरादून के चकराता में बहुचर्चित प्रेमी जोड़े की हत्या (murder of couple in chakrata) के मुख्य अभियुक्त राजू दास की फांसी की सजा के मामले पर सुनाई की। वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने अगली सुनवाई को 12 अक्टूबर की तिथि नियत की है।
एक को फांसी और तीन को हुई है उम्रकैद
निचली अदालत ने राजू दास को फांसी की सजा, उसके तीन साथियों को उम्रकैद की सजा दी थी। यह आदेश अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ढकरानी मोहम्मद सुल्तान की अदालत ने दिल्ली से चकराता घूमने आए प्रेमी जोड़े से लूट, हत्या और साक्ष्य छुपाने के मामले पर 27 मार्च 2018 पारित किया था।
2014 में आए थे चकराता
अभियोजन के अनुसार अभिजीत पाल पुत्र अतुल पाल निवासी कोलकाता पश्चिम बंगाल हाल निवासी नई दिल्ली और मोमिता दास पुत्री मृणाल कृष्णादास निवासी लाडो सराय नई दिल्ली 22 अक्तूबर 2014 को दिवाली की छुट्टियों में देहरादून के चकराता आए थे। अगले ही दिन टाइगर फॉल घूमने के बाद दोनों लापता हो गए। मोमिता के घरवालों ने 23 अक्तूबर 2014 को उसे फोन लगाया तो संपर्क नहीं हो पाया। इसके बाद उन्होंने नई दिल्ली के लाडो सराय थाने में मोमिता की गुमशुदगी दर्ज की।
मोबाइल फोन के लोकेशन से आरोपित काे पकड़ा
पुलिस जांच में मोमिता के फोन की आखिरी लोकेशन चकराता में मिली और ईएमआई नंबर के आधार पर उसके मोबाइल में राजूदास के नाम का सिम भी ट्रेस हो गया। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने विकासनगर और चकराता पुलिस को साथ लेकर राजूदास की तलाश शुरू की और उसे लाखामंडल, चकराता और टाइगर फॉल में तलाशा और राजूदास को जीप के साथ गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों ने कबूल की हत्या की बात
कड़ी पूछताछ करने पर राजूदास ने कबूला कि उसने गुड्डू, बबलू और कुंदनदास के साथ मिलकर प्रेमी जोड़े की हत्या की है। इसके बाद आरोपियों की निशानदेही पर मोमिता का फोन, पर्स व कपड़े पुलिस ने बरामद किए।
सड़ी-गली हाल में मिले थे दोनों शव
शवों की खोजबीन के दौरान नौगांव से दो किमी दूर यमुना नदी किनारे से पुलिस को एक शव मिल गया। स्वजन जोयंता पाल ने इसकी शिनाख्त अभिजीत के रूप में की। ठीक इसके 21 दिन बाद ही मोमिता दास का भी सड़ा गला शव डामटा के पास यमुना किनारे बरामद हो गया। निचली अदालत ने राजू दास को फांसी की सजा और तीन अन्य अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनवाई। इस आदेश को अभियुक्तों ने उच्च न्यायलय में चुनौती दी है।