तीसरी लहर में हमारे बच्चे मरने लगेंगे, तब तैयारियां करेगी उत्‍तराखंड सरकार : हाईकोर्ट

कोरोना से जंग में सरकार की तैयारियों से नाखुश हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा डेल्टा वैरिएंट एक महीने में पूरे देश में फैल गया था और डेल्टा प्लस वैरिएंट को फैलने में तीन महीने भी नहीं लगेंगे।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 02:00 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 10:03 PM (IST)
तीसरी लहर में हमारे बच्चे मरने लगेंगे, तब तैयारियां करेगी उत्‍तराखंड सरकार : हाईकोर्ट
कोविड महामारी से निपटने की तैयारी में बाधा पैदा कर रहे ब्यूरोक्रेट्स : हाईकोर्ट

नैनीताल, जागरण संवाददाता : कोरोना से जंग में सरकार की तैयारियों से नाखुश हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा डेल्टा वैरिएंट एक महीने में पूरे देश में फैल गया था और डेल्टा प्लस वैरिएंट को फैलने में तीन महीने भी नहीं लगेंगे। ऐसे में हमारे बच्चों को बचाने के लिए आप लोग क्या कर रहे हैं। आप सोच रहे हैं कि डेल्टा प्लस वैरियंट आपकी तैयारियां पूरी होने का इंतजार करेगा।

बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, सचिदानंद डबराल, अनू पंत, रवीन्‍द्र जुगरान, डीके जोशी व अन्य की अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई। कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव के तीसरी लहर को लेकर बच्चों के लिए तीन महीने तक विटामिन सी और जिंक आदि की दवाएं देने की दलील पर तीखी फटकार लगाई। चीफ जस्टिस ने कहा कि आप बच्‍चों को ये दवा कब खरीद कर देंगे? जब तीसरी लहर आ जाएगी, तब दवाएँ खरीदने की प्रकिया पूरी करेंगे। जिस जीओ को अगले हफ्ते या 30 जून तक जारी करने की बात कह रहे हैं वो जीओ कल क्यों नहीं जारी हो सकता आज शाम पांच बजे तक जारी क्यों नहीं हो सकता? हाई कोर्ट ने कहा कि जब महामारी में वॉर फूटिंग पर काम करने की ज़रूरत है, तब आप लोग ब्यूरोक्रेटिक बाधा पैदा कर काम को बोझिल बनाकर देरी कर रहे हैं।

हाई कोर्ट ने कहा कि देहरादून में तीसरी लहर से लड़ने को बच्चों के लिए आपके पास 10 वेंटिलेटर हैं, बताइए 80 बच्चे क्रिटिकल हो गए तो 70 बच्चों को मरने के लिए छोड़ देंगे? कोर्ट ने कहा कि एफिडेविट में आपने माना है कि रुद्रप्रयाग में 11 वेंटिलेटर हैं जिसमें नौ ख़राब हैं। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कोर्ट ने सिर्फ़ ज़िला अस्पतालों की डिटेल माँगी थी हमारे पास मेडिकल कॉलेजों व निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर-आईसीयू के और इंतज़ाम हैं। कोर्ट ने कहा आपको जानकारी देने से किसने रोका है!

बच्चे मरने लगेंगे, तब सरकार की तैयारियां होंगी

हाईकोर्ट ने कहा क्या जब तीसरी लहर में हमारे बच्चे मरने लगेंगे, तब सरकार की तैयारियां होंगी? बच्चों के लिए कितने वार्ड बनाए हैं आपने अब तक? स्वास्थ्य सचिव ने कहा अगली सुनवाई के दौरान बता पाएंगे कितने वार्ड तैयार हो पाएंगे। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि हम बच्चों को मेडिकल कॉलेजों में ट्रीटमेंट देंगे जो मॉडरेट और माइल्ड केस होंगे उन्हीं को ज़िला अस्पतालों में उपचार के लिए रखेंगे। हाईकोर्ट ने कहा टाइमफ्रेम के साथ तैयारियों का स्तर बताइये। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और केरल में डेल्टा प्लस वैरियंट केस आ चुके आपकी तैयारियाँ कहाँ पहुँची।

बाक़ी जिलों के बच्चों का क्या होगा?

चीफ़ जस्टिस ने कहा आप तैयारियों को लेकर समय बताएँ कब तक क्या करेंगे? आपके पास पाँच मेडिकल कॉलेज हैं तो बाक़ी जिलों के बच्चों का क्या होगा? उदाहरण के लिए बताइये बागेश्वर और पिथौरागढ़ के बच्चों के लिए क्या करेंगे? चीफ़ जस्टिस ने कहा कि मान लीजिए मैं पैरेंट हूं और बागेश्वर में रहता हूं, रात्रि को अपने बच्चे को लेकर कहां पहाड़ों में भागूंगा ? हेल्थ सेक्रेटरी ने कहा कोरोना हार्ट अटैक जैसी बीमारी नहीं पहले बुखार होगा दूसरे सिम्टम आएँगे फिर ज़िला अस्पताल से लेकर सुशील तिवारी हॉस्पिटल कर लाया जा सकता है।

आपका पर्याप्त एम्बुलेंस का दावा झूठा

कोर्ट ने एफिडेविट का पेज 41 पढ़ने को कहकर बच्चों को होने वाली सिवियरिटी पढ़ लेने को कहा। चीफ़ जस्टिस ने कहा मान लीजिए मेरे बच्चे को एक्यूट रेसपेरिटरी डिजिज है और चमोली में रहता हूँ बताइए कहां लेकर जाऊंगा। कोर्ट ने कहा आपका पर्याप्त एम्बुलेंस का दावा झूठा है। दिल्ली-फ़रीदाबाद में एंबुलेंस नहीं मिली और आप कहते हैं आपके पास उत्तराखंड में पर्याप्त एम्बुलेंस हैं। आप पर्याप्त एंबुलेंस की बात करते हैं लेकिन ख़बरें आती हैं कि पहाड़ों में गर्भवती महिलाओं को एंबुलेंस नहीं मिलती है और पालकी से ले जाना पड़ता है। हमें मूर्ख बनाना बंद करिए हक़ीक़त हमें बता है। चीफ जस्टिस को मत बताइये कि उत्तराखंड में रामराज्य है और हम स्वर्ग में रहते हैं। स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी आप रोडवेज़ के ड्राइवर्स-कंडक्टर्स को पांच महीने से सेलरी नहीं दे पा रहे हैं। दिक्कत ये है कि हमारे ब्यूरोक्रेट्स को नहीं बता कि राज्य के हालात क्या है? हेल्थ सेक्रेटरी अमित नेगी ने कहा कि अगले एफिडेविट में तीसरी लहर को लेकर तैयारियों की पूरी जानकारी देंगे।

ऑक्सीजन युक्त कितनी एंबुलेंस बताएं

हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को कहा कि डेल्टा प्लस वैरियंट के मूल ख़तरे को आप समझ नहीं पाए। उसमें ऑक्सीजन युक्त एंबुलेंस की सबसे ज़्यादा दरकार है। चीफ़ जस्टिस ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव राज्य में 0-18 आयु के बच्चे कितने हैं। ऑक्सीजन युक्त कितनी एंबुलेंस हैं उसकी जानकारी अगली सुनवाई 28 ज़ून को बताएं। चीफ जस्टिस ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव अगली सुनवाई में जानकारी देंगे कि राज्य में बच्चों के लिए कितने आईसीयू, बेड, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और एम्बुलेंस हैं इसकी जानकारी दें।

ब्लैक फंगस को लेकर भी फटकारा

ब्लैक फंगस को लेकर भी कोर्ट ने सरकार की तैयारियों को लेकर फटकार लगाई। ध्यान रहें हम कोरोना और ब्लैक फ़ंगस से एक साथ दोहरा युद्ध लड़ रहे है और आपकी तैयारियां कैसी हैं, किसी से छिपी नहीं हैं। अधिवक्ता और याचिकाकर्ता अभिजय नेगी सरकार को सुझाव दिया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तक ऑक्सीजन की व्यवस्था करनी चाहिए। अधिवक्ता और याचिकाकर्ता दुष्यंत मैनाली ने कहा कि राज्य सरकार जो मेडिकल उपकरण खरीद भी ले रही है तो उनको ऑपरेट करने वाले नहीं होने से मरीजों को पूर्ण लाभ नहीं मिल पा रहा है। सुनवाई जारी है।

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