हल्द्वानी में बिजली विभाग के कर्मचारी ने निधन के 11 दिन बाद बाउचर पर कर दिए हस्ताक्षर!

जिस कर्मचारी की अगस्त में करंट लगने से आकस्मिक मौत हो गई। उसी कर्मचारी ने सितंबर में एक बाउचर पर हस्ताक्षर कर वेतन ग्रहण कर लिया। यह संभव नहीं है लेकिन ऊर्जा निगम नैनीताल ने सूचना के अधिकार (आइटीआइ) में मांगी गई सूचना में यही बताया है।

By Deep belwalEdited By: Publish:Wed, 28 Sep 2022 12:09 PM (IST) Updated:Wed, 28 Sep 2022 12:09 PM (IST)
हल्द्वानी में बिजली विभाग के कर्मचारी ने निधन के 11 दिन बाद बाउचर पर कर दिए हस्ताक्षर!
ऊर्जा निगम नैनीताल में हुई गड़बड़ी का आरटीआई में खुला मामला

दीप चंद्र बेलवाल, हल्द्वानी : जिस कर्मचारी की अगस्त में करंट लगने से आकस्मिक मौत हो गई। उसी कर्मचारी ने सितंबर में एक बाउचर पर हस्ताक्षर कर वेतन ग्रहण कर लिया। यह संभव नहीं है, लेकिन ऊर्जा निगम नैनीताल ने सूचना के अधिकार (आइटीआइ) में मांगी गई सूचना में यही बताया है।

गौलापार निवासी आरटीआइ एक्टिविस्ट रविशंकर जोशी ने मल्लीताल में विद्युत दुर्घटना में कर्मचारी की मौत के मामले में कई बिंदुओं पर सूचना मांगी थी। जवाब में ऊर्जा निगम के लोक सूचना अधिकारी ने बताया है कि मृतक कर्मचारी नारायण सिंह ठेके पर तैनात था। वह मैंसर्स संगम इंटर प्राइजेज मंडलसेरा बागेश्वर के अधीन काम कर रहा था।

26 सितंबर 2020 को उसकी विद्युत दुर्घटना में मौत हो गई थी। कर्मचारी के वेतन के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में बाउचर अटैच किया गया है। इसमें छह सितंबर 2020 को बाउचर में मृतक कर्मचारी नारायण सिंह के हस्ताक्षर किए गए हैं। हस्ताक्षर के आधार पर उन्हें एक माह का आठ हजार पांच सौ रुपये दिए गए हैं। ये रुपये किसे मिले इसके बारे में कोई सूचना नहीं दी गई है।

बाहर के कर्मचारियों का नहीं कराया सत्यापन

नैनीताल ऊर्जा निगम में ठेके पर उत्तर प्रदेश के 12 लोगों को रखा गया है। जबकि उत्तराखंड के मात्र दो कर्मचारी हैं। इसमें नारायण की मौत हो चुकी है। आरटीआइ में पता चला है कि फरहान अली, अब्दुल सत्तार, मो. आरिफ, रफीम मलिक, आस मोहम्मद, मो. दानिश, स्माइल, नाजिम, सलमान, फिरसत अली, असगर अली व मुस्तकीम रामपुर, मुरादाबाद के रहने वाले हैं। इसमें किसी कर्मचारी का पुलिस सत्यापन नहीं है।

मृतक कर्मचारी के फर्जी हस्ताक्षर से वेतन भुगतान

आरटीआइ एक्टिविस्ट रवि शंकर जोशी ने बताया कि ऊर्जा निगम के तत्कालीन अधिकारियों के संरक्षण में ठेकेदार की ओर से कर्मचारियों का शोषण किया गया। मृतक कर्मचारी के फर्जी हस्ताक्षर से वेतन का भुगतान तक कर दिया। अब यदि मृतक कर्मचारी के गरीब स्वजनों को पर्याप्त धनराशि का भुगतान नहीं दिया गया तो तत्कालीन विभागीय अधिकारियों व ठेकेदार के विरुद्ध प्राथमिकी कराई जाएगी।

मुझे इस संबंद्ध में कोई जानकारी नहीं

प्रभारी अधिशासी अभियंता डीएस बिष्ट ने बताया कि नैनीताल के अधिशासी अभियंता के छुट्टी में होने से मुझे चार्ज मिला है। हमारा काम डेली एक्टिविटी देखना है। इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।

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