सबको चाहिए वीर जवानों का साथ, राहुल गांधी की जनसभा में 71 के योद्धाओं को किया जाएगा सम्मानित

16 दिसंबर को दून में होने वाली राहुल गांधी की जनसभा में 1971 युद्ध में शामिल रहे जाबांजों के अलावा शहीदों के स्वजनों को भी सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए पार्टी जिले और विधानसभावार सूची तैयार करने में जुटी है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 07:21 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 07:21 AM (IST)
सबको चाहिए वीर जवानों का साथ, राहुल गांधी की जनसभा में 71 के योद्धाओं को किया जाएगा सम्मानित
चुनावी नैया पार करवाने के लिए भाजपा, कांग्रेस और आप सभी को जवानों का साथ चाहिए।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : सेना का जवान। यह एक पद नहीं बल्कि जोश और जज्बे का दूसरा नाम है। इसलिए कहा जाता है कि सैनिक सेवा से भले सेवानिवृत्त हो जाए। लेकिन देश की रक्षा का जज्बा ताउम्र रहता है। उत्तराखंड को वीर जवानों की भूमि भी कहा जाता है। इसलिए सरकार सैन्यधाम की बात भी करती है। बात अगर सियासी दलों की करें तो चुनावी नैया पार करवाने के लिए भाजपा, कांग्रेस और आप सभी को जवानों का साथ चाहिए। भाजपा और आप के बाद कांग्रेस भी इस दिशा में बढ़ रही है।

16 दिसंबर को दून में होने वाली राहुल गांधी की जनसभा में 1971 युद्ध में शामिल रहे जाबांजों के अलावा शहीदों के स्वजनों को भी सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए पार्टी जिले और विधानसभावार सूची तैयार करने में जुटी है। 1971 में भारतीय सेना के पराक्रम ने पाकिस्तान को घुटने टेकने में मजबूर कर दिया था। वीरों की शहादत के दम पर जीत का नया इतिहास लिखा गया था। इस युद्ध में उत्तराखंड के 255 रणबांकुरों ने देश की रक्षा में अपने प्राणों का बलिदान दिया था। जबकि 78 जवान युद्ध घायल हुए थे। अपने अदम्य साहस के लिए प्रदेश के 74 जाबांजों को वीरता पदक भी मिले। वहीं, चुनावी साल में उत्तराखंड के सैन्य परिवारों को नजरअदांज करने की हिम्मत किसी भी पार्टी में नहीं है। सभी को इनका साथ चाहिए। सैनिक सम्मेलन और सम्मान कार्यक्रम के दौरान भाजपा कई बार सेना के प्रति झुकाव को दर्शा चुकी है।

वहीं, आप के सीएम उम्मीदवार सेवानिवृत्त कर्नल अजय कोठियाल सैन्य वर्ग से जुड़े मतदाताओं के लिए एक बड़ा चेहरा है। वहीं, चुनावी साल में कांग्रेस भी चाहती है कि उसे सैन्य परिवारों का आशीर्वाद मिले। इस कड़ी में 16 दिसंबर को दून में राहुल गांधी की मौजूदगी में विजय दिवस जनसभा का आयोजन होगा। जिसमें 1971 के युद्ध में शामिल वीर जवानों और उनके स्वजनों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। बकायदा पदाधिकारियों को उन्हें दून लाने का जिम्मा भी सौंपा जाएगा।

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