हल्द्वानी मेडिकल कालेज के 20 डाक्टरों को ज्वाइनिंग का इंतजार

राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी से पासआउट हो चुके 20 डाक्टरों को 15 दिन बाद भी नियुक्ति नहीं दे सकी है। बांडधारी डाक्टरों के रिजल्ट घोषित हुए 15 दिन हो गए हैं। ऐसे में अब तक इन्हें तैनाती मिल जानी चाहिए थी।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Fri, 12 Aug 2022 11:51 PM (IST) Updated:Fri, 12 Aug 2022 11:51 PM (IST)
हल्द्वानी मेडिकल कालेज के 20 डाक्टरों को ज्वाइनिंग का इंतजार
परीक्षा 12 जुलाई को पूरी हो गई थी। 28 जुलाई को परीक्षा परिणाम घोषित हुआ था।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। जहां एक ओर डाक्टरों कमी है। दूरस्थ क्षेत्रों व शहर के अस्पतालों से लेकर मेडिकल कालेजाें में डाक्टरों की संख्या कम होने से तमाम तरह की दिक्कतें हो रही हैं। इसके बावजूद राज्य सरकार राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी से पासआउट हो चुके 20 डाक्टरों को 15 दिन बाद भी नियुक्ति नहीं दे सकी है।

राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी में पीजी की 65 सीटें हैं। इसमें 24 सीटों पर प्रांतीय स्वाथ्य सेवा से जुड़े डाक्टर शामिल रहे, जिनकी पीजी पूरी हो चुकी है। इन डाक्टरों ने अपने पुराने कार्यस्थल पर तैनाती ले ली है।लगभग 22 ऐसे डाक्टर हैं, जिन्होंने बांड भरा था।

सरकारी शुल्क में एमडी व एमएस की डिग्री हासिल की। इसमें से करीब 20 लोग पासआउट हुए हैं। इन्हें दो वर्ष तक पर्वतीय क्षेत्रों के अस्पतालों में सेवा देनी है। पीजी करने वाले बाकी डाक्टर हैं, जिन्होंने पूरे शुल्क दिया था। इनकी परीक्षा 12 जुलाई को पूरी हो गई थी। 28 जुलाई को परीक्षा परिणाम घोषित हुआ था।

मेडिकल कालेज में नहीं बन सकेंगे एसएस

मेडिकल कालेज में पीजी करने के बाद एक साल के लिए सीनियर रेजिडेंट पद पर रहना पड़ता है। नेशनल मेडिकल कमीशन के अनुसार सभी मेडिकल कालेजों में मान्यता के लिए सीनियर रेजिडेंट अनिवारू रूप से होने चाहिए।

ऐसे में कालेज प्रशासन ने कई बार इन पासआउट डाक्टरों को एक साल के लिए मेडिकल कालेज में नियुक्ति देने का अनुरोध किया है, लेकिन शासन निर्णय लेने में असमर्थ है। अब हल्द्वानी मेडिकल कालेज के 12 फिजिशियनों में से छह को श्रीनगर व छह को अल्मोड़ा मेडिक कालेज में नियुक्ति देने पर विचार किया जा रहा है।

बांड समिति की बैठक हो चुकी है। इस बैठक के प्राचार्यों के जरिये इन डाक्टरों से विकल्प मांगे हैं। अगले मंगलवार यानी 16 अगस्त को समिति बैठक होनी है। इसके बाद इन डाक्टरों को निर्धारित अस्पतालों व मेडिकल कालेजों में ज्वाइनिंग करा दी जाएगी।

प्रो. आशुतोष सयाना, एडिशनल डायरेक्टर, चिकित्सा शिक्षा विभाग 

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