हल्द्वानी नगर निगम में शामिल नए गांवों में विश्व बैंक परियोजना से बिछायी जाएंगी पेयजल व सीवर लाइन

मुख्य शहर के बाद हाल ही में नए शहर में शामिल हुए गांवों में पेयजल व सीवर लाइन बिछाने की तैयारी शुरू कर दी है। जिन गांवों को अमृत योजना में शामिल नहीं किया गया। अब उनको विश्व बैंक की परियोजना में शामिल किया गया जा रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 23 Nov 2020 01:37 PM (IST) Updated:Mon, 23 Nov 2020 01:37 PM (IST)
हल्द्वानी नगर निगम में शामिल नए गांवों में विश्व बैंक परियोजना से बिछायी जाएंगी पेयजल व सीवर लाइन
हल्द्वानी नगर निगम में शामिल नए गांवों में विश्व बैंक परियोजना से बिछायी जाएंगी पेयजल व सीवर लाइन

हल्द्वानी, जेएनएन : मुख्य शहर के बाद हाल ही में नए शहर में शामिल हुए गांवों में पेयजल व सीवर लाइन बिछाने की तैयारी शुरू कर दी है। जिन गांवों को अमृत योजना में शामिल नहीं किया गया। अब उनको विश्व बैंक की परियोजना में शामिल किया गया जा रहा है। शहर से सटे सात इलाकों में पहले चरण में पेयजल व सीवर योजना बिछाने की कवायद शुरू हो गयी है। इसके साथ ही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन भी किया जाएगा। जिनने नए शहर की सुंदरता बनी रही।

नगर निगम के विश्व बैंक परियोजना के अधिशासी अभियंता हिमांशु वर्मा ने बताया कि पहले चरण में फतेहपुर, मुखानी, तल्ली बमौरी, कुसुमखेड़ा, तल्ली बमौरी, मल्ली बमौरी और गौजाजाली उत्तर में पेयजल, सीवर व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की योजना बनायी गयी है। विश्व बैंक इसके लिए धनराशि मुहैया कराएगा। पेयजल, सीवर व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए दिल्ली की अर्शिया कंसटिंग इंजीनियर प्रा. लि. से प्लान बनवाया गया है। इन योजनाओं को मंजूरी के लिए राज्य पेयजल एवं स्वछता मिशन को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।

राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन से तकनीकी व वित्तीय स्वीकृति मिलते ही नए शहर में शामिल इन क्षेत्रों में पेयजल, सीवर व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का काम शुरू कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों के लिए अल्पकालीन व दीर्घकालीन योजनाएं बनायी जाएंगी। अल्पकालीन योजनाओं मेें नलकूप व टैंक निर्माण, पेयजल लाइन बिछाना, कूड़ाघर निर्माण व घर-घर से कूड़ा एकत्र करने की व्यवस्थाएं बनायी जाएंगी।

जबकि दीर्घकालीन योजना में जमरानी बांध बनने पर इन इलाकों की पेयजल लाइनों को जोड़ना, सीवर लाइन बिछाना, घरों से सीवर को सीवरेट प्लांटों में डालना और सालिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया जाएगा। अधिशासी अभियंता ने बताया कि सभी काम पूरा होने के बाद आगामी 30 साल तक इन क्षेत्रों में पेयजल, सीवर और कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था हो जाएगी।

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