डेंगू के कहर के बीच जेल के दर्जनों कैदियों ने जताई स्वैच्छिक रक्तदान की इच्छा

अपराधों की वजह से सलाखों के पीछे पहुंचने के बावजूद अब भी उनमें मानवता जिंदा है। डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कैदियों ने भी जेल प्रशासन से स्वैच्छिक रक्तदान की इच्‍छा जताई है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 15 Sep 2019 09:32 AM (IST) Updated:Sun, 15 Sep 2019 07:06 PM (IST)
डेंगू के कहर के बीच जेल के दर्जनों कैदियों ने जताई स्वैच्छिक रक्तदान की इच्छा
डेंगू के कहर के बीच जेल के दर्जनों कैदियों ने जताई स्वैच्छिक रक्तदान की इच्छा

हल्द्वानी, जेएनएन : जाने-अनजाने किए अपराधों की वजह से सलाखों के पीछे पहुंचने के बावजूद अब भी उनमें मानवता जिंदा है। डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कैदियों ने भी जेल प्रशासन से स्वैच्छिक रक्तदान की इच्छा जताई है। अब तक 52 कैदियों ने रक्तदान के लिए अपने नाम जेल प्रशासन को सौंपे हैं। हालांकि रक्तदान के लिए जेल प्रशासन के सामने कानूनी बाध्यता आड़े आ रही है। अफसर जेल में  शिविर लगाने के लिए न्यायालय से अनुमति लेने की तैयारी कर रहे हैं।
हल्द्वानी शहर में डेंगू, बुखार तेजी से फैल रहा है। प्लेटलेट्स कम होने पर लोगों को खून की जरूरत पड़ रही है। हर अस्पताल मरीजों से पटा है। ब्लड बैंक व पैथोलॉजी लैब में सुबह से रात तक रक्त जांच व रक्तदान करने वालों का तांता लगा है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने बताया कि वर्तमान में जेल में करीब 1200 कैदी हैं। समाचार पत्रों के माध्यम से उन तक भी डेंगू के बढ़ते प्रकोप की जानकारी पहुंच रही है। इसीलिए कैदियों में मानवता जागी है। शनिवार को 52 कैदियों ने जेल प्रशासन से स्वैच्छिक रक्तदान की इच्छा जताई है। हालांकि कैदियों को जेल से बाहर ले जाकर रक्तदान करवाना संभव नहीं है। जेल अधीक्षक ने बताया कि वह न्यायालय से अनुमति लेंगे। यदि अनुमति मिली तो जेल में रक्तदान शिविर का आयोजन कराया जाएगा। 

तीन जेल कर्मी भी डेंगू की चपेट में आए 
वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने बताया कि जेल के तीन कर्मचारी भी डेंगू की चपेट में आ गए हैं। तीनों अवकाश लेकर अपने-अपने शहरों में इलाज करा रहे हैं। बंदी रक्षक हरीश कुमार का रुद्रपुर में उपचार चल रहा है। बंदी रक्षक छत्रपाल जसपुर का रहने वाला है। वह छुट्टी लेकर जसपुर में ही उपचार करा रहा है। जबकि तीसरा बंदी रक्षक माजिद अख्तर बरेली का रहने वाला है और बरेली के ही अस्पताल से उपचार करवा रहा है। 

फॉगिंग के लिए नगर निगम को लिखा पत्र 
वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया कि कुछ समय पहले जेल के भीतर फॉगिंग कराई गई है। हालांकि पूरे परिसर में नहीं कराई गई। तीन बंदी रक्षकों के डेंगू की चपेट में आने पर नगर निगम को पत्र लिखकर जेल के भीतर व अफसर-कर्मचारियों के आवासीय परिसर में फॉगिंग कराने के लिए लिखा गया है। 

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