सरकारी स्कूल के दायरे में न बनें निजी स्कूल

रामनगर में सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए उनके पाच किमी के दायरे में प्राइवेट स्कूल खोलने की अनुमति नहीं दी जाए। शिक्षा पर सकल बजट का छह प्रतिशत खर्च किया जाए। सरकार से वेतन पाने वाले कर्मचारियों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने की व्यवस्था हो।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Sep 2020 06:05 AM (IST) Updated:Tue, 01 Sep 2020 06:18 AM (IST)
सरकारी स्कूल के दायरे में न बनें निजी स्कूल
सरकारी स्कूल के दायरे में न बनें निजी स्कूल

संस, रामनगर : रामनगर में सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए उनके पाच किमी के दायरे में प्राइवेट स्कूल खोलने की अनुमति नहीं दी जाए। शिक्षा पर सकल बजट का छह प्रतिशत खर्च किया जाए। सरकार से वेतन पाने वाले कर्मचारियों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने की व्यवस्था हो।

यह बातें नई शिक्षा नीति पर चर्चा के लिए जनप्रतिनिधियों व शिक्षक संगठन के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में सोमवार को आयोजित गोष्ठी में सामने आयी। वक्ताओं ने कहा कुमाऊंनी, गढ़वाली, जौनसारी, पंजाबी, बंगाली जैसी क्षेत्रीय भाषाओं व बोलियों को आठवीं कक्षा तक बतौर एक विषय के रूप में पढ़ाया जाए। खंड शिक्षा अधिकारी भाष्करानंद पाडे ने नई शिक्षा नीति के हर पहलू पर विस्तार से बात रखी। उन्होंने कहा नई शिक्षा नीति में देश में हर बच्चे के लिए समान और समावेशी शिक्षा देना तय किया गया है।

विधायक प्रतिनिधि के रूप में गणेश रावत व शिक्षक नेता नवेंदु मठपाल ने नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने समान स्कूल प्रणाली की वकालत की। गोष्ठी का संचालन मनोज तिवारी ने किया। इस दौरान उपशिक्षा अधिकारी वंदना रौतेला, जिपं सदस्य किशोरी लाल, व नरेंद्र चौहान, एसपी मिश्रा, आशाराम निराला, आरिफ, अजय धस्माना, संतोष तिवारी, प्रकाश फुलोरिया, एसपीएस तोमर, सुनीता रानी, यशपाल रावत, प्रधान निधि मेहरा आदि मौजूद रहे। इधर भीमताल में ब्लाक संसाधन केंद्र मेहरागांव में नई शिक्षा नीति 2020 के मसौदे पर आयोजित गोष्ठी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों व शिक्षकों एवं जागरूक अभिभावकों ने शिक्षा के बाजारीकरण पर प्रभावी अंकुश लगाने की मांग की। गोष्ठी के मुख्य अतिथि ब्लाक प्रमुख हरीश बिष्ट रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ खंड शिक्षा अधिकारी मान सिंह ने किया। इस दौरान वक्ताओं द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों का स्वागत करते हुए सरकार से इसके ईमानदारी पूर्ण क्रियान्वयन की अपेक्षा की गई। जनप्रतिनिधियों ने भी नई शिक्षा नीति में शिक्षा के बाजारीकरण पर रोक लगाने एवं विद्यालयों में भौतिक एवं मानव संसाधन बढ़ाने पर जोर दिया। इस दौरान डायट प्रवक्ता डा. राजेश नगरकोटी, डा. विमल किशोर, प्रधानाचार्य जीआइसी भीमताल आरके वर्मा, डा. राजेश कुमार पांडे, प्रदीप सनवाल, रामपाल गंगोला, हिमांशु पांडे, प्रेमबल्लभ बृजवासी खष्टी राघव, संजीव भगत, मनोज चनियाल आदि उपस्थित थे।

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