उत्तराखंड परिवहन निगम में कर्मचारी यूनियनों में जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू
उत्तराखंड परिवहन निगम में कर्मचारी यूनियनों की सियासत अलग मोड़ पर पहुंच चुकी है। लंबे समय से चल रही सेंधमारी की कोशिशों के बाद रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने दो अन्य कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों व उनके समर्थकों को रविवार दोपहर काठगोदाम में आयोजित कार्यक्रम में अपने साथ जोड़ लिया।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : उत्तराखंड परिवहन निगम में कर्मचारी यूनियनों की सियासत अलग मोड़ पर पहुंच चुकी है। लंबे समय से चल रही सेंधमारी की कोशिशों के बाद रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने दो अन्य कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों व उनके समर्थकों को रविवार दोपहर काठगोदाम में आयोजित कार्यक्रम में अपने साथ जोड़ लिया। इन वरिष्ठ कर्मचारियों को मंडल स्तर पर पद देने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।
उत्तराखंड रोडवेज में करीब छह हजार कर्मचारी कार्यरत है। अधिकांश किसी ने किसी कर्मचारी संगठन से जुड़े हुए हैं। रोडवेज में अक्सर वेतन जारी होने में देरी समेत कर्मचारी हितों से जुड़े मुद्दों को लेकर संगठन व मुख्यालय के बीच तलवार खींची रहती है। संख्याबल के हिसाब से हर संगठन खुद को बड़ा बताने में चूकता नहीं। वहीं, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के साथ सबसे ज्यादा अस्थायी स्टॉफ जुड़ा हुआ है। जबकि उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ताकत संविदा व विशेष श्रेणी के कर्मचारी है।
इसके अलावा उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन भी कर्मचारियों संग खासा सक्रिय रहती है। हालांकि, संयुक्त परिषद ने कई दिनों चली वार्ता के बाद उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के मंडल स्तर के पदाधिकारी आरएस नेगी, इंप्लाइज के पुराने पदाधिकारी राजेश कोहली, रुद्रपुर शाखा के पदाधिकारियों समेत दूसरी यूनियनों के दर्जनों पदाधिकारियों व सदस्यों को रविवार को अपने साथ जोड़ लिया। मंडल अध्यक्ष आन सिंह जीना ने बताया कि कर्मचारी हितों के संघषों को देखते हुए अन्य लोग परिषद से जुड़े हैं। हर नए साथी का पूरा सम्मान किया जाएगा।
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