छोटी सी उम्र में पूरे समाज को आइना दिखा रहे ये बच्‍चे, जानें ऐसा क्‍या कर दिया

कुछ बच्चों ने सड़क पर बेसहारा घूमते बच्चों को अपने अभिभावकों की मदद से न केवल वस्त्र दिलवाए बल्कि उनका स्कूल में दाखिला भी कराया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 26 Jul 2019 06:05 PM (IST) Updated:Sat, 27 Jul 2019 01:26 PM (IST)
छोटी सी उम्र में पूरे समाज को आइना दिखा रहे ये बच्‍चे, जानें ऐसा क्‍या कर दिया
छोटी सी उम्र में पूरे समाज को आइना दिखा रहे ये बच्‍चे, जानें ऐसा क्‍या कर दिया

रामनगर, विनोद पपनै  : कभी कभी छोटे मासूम बच्चे भी बड़ों को इंसानियत का आइना दिखाने में पीछे नहीं रहते हैं। आज के दौर में जहां लोग किसी बेसहारा को दुत्कार कर फटकार लगा देते हैं तो वहीं कुछ बच्चों ने सड़क पर बेसहारा घूमते बच्चों को अपने अभिभावकों की मदद से न केवल वस्त्र दिलवा बल्कि उनके स्कूल में भी दाखिला भी कराया। सोशल मीडिया में जब इनका कारनामा उजागर हुआ तो खूब प्रशंसा मिली और इन बेसहारा बच्चों की मदद को भी अब कई हाथ उठने लगे हैं। 

इन तीन बच्चों की कहानी भी किसी दर्द से कम नही हैं। या यू कहें कि रहने को घर नहीं है हिंदोस्तां हमारा..। गीत की यह लाइनें इन बच्चों पर सटीक बैठती हैं। शरीर झुलसा देने वाली गर्मी हो या फिर हाड़ कंपा देने वाल सर्दी हो सड़क किनारे रात गुजारना , बारिश हुई तो किसी के टिन शैड के नीचे जगह तलाश कर लेना ही उनकी दिनचर्या में शामिल है। मां का आंचल कब का छूट गया याद नहीं। ममता की छांव कैसी होती है, इसका तो इन बच्चों को पता तक नहीं। एक भाई को जन्म देकर वह इस दुनिया को अलविदा कह गई।  एक अदद  मकान था, वह भी नशेड़ी पिता ने बेच दिया। पिता की नशे की आदत ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। अब तीन मासूम बच्चे नशेड़ी पिता के साथ सड़क पर जीवन गुजार को मजबूर है। जिस पिता को सहारा बनना था वो हर समय नशे में इस कदर लिप्त रहता है, कि कभी जान का दुश्मन बन जाता है। बस यही मुस्कान,रोशन उसके भाई मोहम्मद सुआलिया की यह दर्द भरी दास्तान है।

दर दर की ठोकरें खा रहे इन बच्चों का दर्द महसूस किया शहीद भगत सिंह चौक निवासी अनमोल वालिया,अदिति आर्यवंशी,गुरनीत कौर और नवनीत कौर नाम नन्हीं बालिकाओं ने। अपने घर के बाहर दयनीय हालत में रह रहे अपनी हमउम्र के बच्चों का दर्द इनसे नहीं देखा गया, तो इन बेटियों ने अपने परिवार में बात की। बच्चो की जुबान से मदद की दरकार सुनकर एआरटीओ कार्यालय में लिपिक ग्रेट वालिया का दिल पिघल गया। फिर शिक्षक नेता नवेंदु मठपाल का साथ मिला। धीरे-धीरे सभासद डॉ. जफ र सैफी मदद के लिए आगे आए तो अब एआरटीओ विमल पांडे ने भी अपना हाथ आगे बढ़ा दिया। वहीं गुरूवार  को उनका प्राथमिक विद्यालय में दाखिला भी करा दिया है।

मदद को बड़े कई हाथ

सोशल मीडिया बेसहारा बच्चों की मदद के लिए कई लोग आए। ग्रेट वालिया ने कहा है कि जल्द ही इन बच्चों के कमरे की भी व्यवस्था की जाएगी। इनकी मदद के लिए किसी से नगद सहयोग नहीं लिया जाएगा। बैंक में बच्चों के नाम खाता खोला जाएगा। उसी में लोग सहयोग राशि डाल सकेंगे।

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