कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में दीपावली पर उल्लुओं के शिकार का खतरा, फील्ड स्टाफ के अवकाश निरस्त

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में दीपावली में मां लक्ष्मी के वाहन उल्लू के शिकार का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में शिकारियों की घुसपैठ की आशंका के चलते सीटीआर में फील्ड स्टाफ के अवकाश निरस्त हो गए हैं। इन पांच दिनों में बेहद सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 11 Nov 2020 07:23 AM (IST) Updated:Wed, 11 Nov 2020 07:23 AM (IST)
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में दीपावली पर उल्लुओं के शिकार का खतरा, फील्ड स्टाफ के अवकाश निरस्त
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में दीपावली पर उल्लुओं के शिकार का खतरा, फील्ड स्टाफ के अवकाश निरस्त

रामनगर, जेएनएन : कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में दीपावली में मां लक्ष्मी के वाहन उल्लू के शिकार का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में शिकारियों की घुसपैठ की आशंका के चलते सीटीआर में फील्ड स्टाफ के अवकाश निरस्त हो गए हैं। इन पांच दिनों में बेहद सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। फील्ड कर्मी ड्रोन कैमरे के साथ ही पैदल गश्त कर जंगल की निगहबानी करेंगे।

कहा जाता है कि दीपावली पर कई लोग मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उल्लुओं को पकड़कर उसकी पूजा करते हैं तो कई तंत्र मंत्र के लिए बलि तक देते हैं। ऐसे में उल्लुओं को पकड़ने के लिए शिकारी जंगल में सक्रिय होकर घुसपैठ का प्रयास करते हैं। इतना ही नहीं दीपावली पर शिकारियों द्वारा बाघों के शिकार का भी खतरा बना रहता है। क्योंकि शिकारी दीवाली पर कर्मचारियों की व्यस्तता का फायदा उठाकर घुसपैठ का प्रयास करते हैं।

अब कॉर्बेट प्रशासन ने दीवाली पर जंगल में गश्त करने वाले फील्ड स्टाफ के अवकाश पर रोक लगा दी है। उन्हें 15 नवंबर तक कोई अवकाश देय नहीं होगा। जो कर्मचारी जहां गश्त कर रहा है वह वहीं रहेगा। रात में वन चौकियों के कर्मचारी अपने-अपने क्षेत्रों में गश्त कर एक दूसरे की वन चौकियों से होकर गुजरेंगे।

आरके तिवारी, एसडीओ कॉर्बेट पार्क ने बताया कि दीवाली में शिकारियों के घुसपैठ की आशंका बढ़ जाती है। उल्लुओं के शिकार का भी खतरा दीवाली पर ज्यादा रहता है। शिकार की आशंका के चलते कॉर्बेट प्रशासन हाई अलर्ट पर है। संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है। विशेष परिस्थिति में ही कर्मचारियों को अवकाश देय होगा।

आचार्य प्रधान संपादक श्रीतारा प्रसाद दिव्य पंचांग रामनगर डाॅ. रमेश चंद्र जोशी ने बताया कि उल्लू को पकड़कर यातना देना व पूजा करना सनातन धर्म के किसी भी ग्रंथ में नहीं है। उल्लुओं की पूजा करने का कुछ लोगों द्वारा भ्रम फैलाया जाता है। इसलिए उल्लुओं को पकडऩा नहीं चाहिए। 

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