हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के सर्जरी, ईएनटी व पैथोलॉजी में एमडी व एमएस की सीटों पर संकट

राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में सबसे महत्वपूर्ण विभागों में एमडी व एमएस की 14 सीटों पर संकट पैदा हो गया है। नए सत्र से सर्जरी ईएनटी व पैथोलॉजी में प्रवेश नहीं होने से स्पेशलिस्ट बनने का सपना देखने वाले डाक्टरों को झटका लगेगा।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 06:33 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 06:33 AM (IST)
हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के सर्जरी, ईएनटी व पैथोलॉजी में एमडी व एमएस की सीटों पर संकट
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की अधिकांश आपत्ति अभी तक दूर नहीं की जा सकी हैं।

गणेश जोशी, हल्द्वानी। कोविड-19 के चलते राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में सबसे महत्वपूर्ण विभागों में एमडी व एमएस की 14 सीटों पर संकट पैदा हो गया है। नए सत्र से सर्जरी, ईएनटी व पैथोलॉजी में प्रवेश नहीं होने से स्पेशलिस्ट बनने का सपना देखने वाले डाक्टरों को झटका लगेगा। वहीं, पिछले वर्ष निरीक्षण के दौरान राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की अधिकांश आपत्ति अभी तक दूर नहीं की जा सकी हैं।

जून 2020 में एनएमसी की टीम ने सर्जरी, ईएनटी व पैथोलॉजी में पीजी की 14 सीटों को अनुमति देने के लिए निरीक्षण किया था। तब इन विभागों में तमाम कमियां मिली। किसी में मानक के अनुसार डाक्टर नहीं थे तो किसी में अन्य कमियां। कॉलेज प्रशासन ने कुछ कमियों को दूर कर जवाब एनएमसी को भेज दिया था। कोविड-19 संक्रमण के चलते अभी तक न तो एनएमसी का कोई पत्र आया और न ही टीम निरीक्षण को पहुंची। अब नए सत्र की तैयारी शुरू हो चुकी है। पहले से पीजी करने वाले विद्यार्थियों की परीक्षाएं चल रही है। अब इस तरह की स्थिति से कॉलेज प्रशासन भी असमंजस में है।

यह है तीन विभागों की हकीकत

सर्जरी विभाग में एमएस की नौ सीटें हैं, लेकिन यहां पर केवल एक ही एसोसिएट प्रोफेसर हैं। जबकि पीजी के लिए कम से कम दो एसोसिएट प्रोफेसर जरूरी हैं। वहीं, ईएनटी में एमएस की दो सीटें हैं। यहां पर एक भी प्रोफेसर नहीं हैं। जबकि एक प्रोफेसर होना आवश्यक है। एनएमसी के निरीक्षण के समय पैथोलॉजी में भी प्रोफेसर नहीं थे। इसलिए एनएमसी ने पीजी की तीन सीटों को लेकर आपत्ति लगाई थी। हालांकि अब इस विभाग में प्रोफेसर ने ज्वाइन कर लिया है। कॉलेज प्रशासन ने इसकी सूचना भी एनएमसी को भेजी है।

आखिर कैसे मिलेंगे स्पेशलिस्ट

जनप्रतिनिधि हों या नौकरशाह, हर समय स्पेशलिस्ट नहीं होने का रोना रोते हैं। जब मेडिकल कॉलेज में पीजी सीटों को बढ़ाने के लिए आवश्यक प्रक्रियाएं करनी होती हैं, उस समय मुंह फेरे रहते हैं। आखिर इस तरह की अनदेखी से स्पेशलिस्ट डाक्टर कैसे मिल पाएंगे?

इन विभागों में प्रवेश को रहती है मारामारी

एमबीबीएस के बाद पीजी करने के लिए अधिकांश डाक्टरों की प्राथमिकता सर्जरी व ईएनटी ब्रांच रहती हैं। पैथोलॉजी ब्रांच की भी डिमांड काफी है। राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा का कहना है कि संकाय सदस्यों की नियुक्ति के लिए लगातार प्रयासरत हैं। कुछ विभागों में कमी है। इन्हें पूरा करने का हरसंभव प्रयास जारी है। पैथोलॉजी में एक प्रोफेसर की नियुक्ति की गई है। तीन विभागों की 14 सीटों पर एनएमसी की अनुमति के बाद ही प्रवेश संभव होगा।

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