Corbett Tiger Reserve: मां की मौत के बाद नानी संग रह रही खुशी हथिनी ने भी दम तोड़ा, लाडली का शव देख भर आईं कर्मियों की आंख

Corbett Tiger Reserve पांच साल पहले कार्बेट टाइगर रिजर्व में कर्नाटक से नौ पालतू हाथी व हथिनीयों को लाया गया था। कार्बेट आने पर गंगा हथिनी गर्भवती हो गई थी। उसने एक बच्ची को जन्म दिया। कार्बेट प्रशासन ने तब कालागढ़ में गंगा की बच्ची का नाम खुशी रखा। मां की मौत के बाद खुशी हथिनी की भी बीमारी के बाद मौत हो गई।

By trilok rawat Edited By: Nirmala Bohra Publish:Sat, 06 Apr 2024 10:24 AM (IST) Updated:Sat, 06 Apr 2024 10:24 AM (IST)
Corbett Tiger Reserve: मां की मौत के बाद नानी संग रह रही खुशी हथिनी ने भी दम तोड़ा, लाडली का शव देख भर आईं कर्मियों की आंख
Corbett Tiger Reserve: सबसे छोटी होने की वजह से कर्मचारियों की दुलारी थी खुशी

HighLights

  • कार्बेट प्रशासन ने खुशी के होने पर किया था उसका नामकरण संस्कार

जासं, रामनगर: Corbett Tiger Reserve: कार्बेट टाइगर रिजर्व में मां की मौत के बाद अपनी नानी संग रह रही खुशी हथिनी की बीमारी के बाद मौत हो गई। काफी प्रयास के बाद भी उसे नहीं बचाया जा सका। बुधवार को उसने हाथीखाना कालागढ़ में अंतिम सांस ली। अगले महीने 14 मई को खुशी का जन्मदिन भी था। जिसकी तैयारी विभाग द्वारा की जानी थी। लेकिन जन्मदिन से पहले ही वह चल बसी।

पांच साल पहले कार्बेट टाइगर रिजर्व में कर्नाटक राज्य से नौ पालतू हाथी व हथिनीयों को लाया गया था। जिसमें गंगा हथिनी व उसकी मां कपिला भी थी। कार्बेट आने पर गंगा हथिनी गर्भवती हो गई थी। वर्ष 2022 में गंगा ने 14 मई को एक बच्ची को जन्म दिया। कार्बेट प्रशासन ने तब कालागढ़ में गंगा की बच्ची का नाम खुशी रखा। उसका नामकरण संस्कार तक किया गया।

नानी कपिला हथिनी ने अपने साथ रख लिया

कालागढ़ में मिष्ठान वितरण कर खुशी मनाई गई। लेकिन खुशी की यह खुशी छह माह में ही खत्म हो गई। जब उसकी मां गंगा ने दम तोड़ दिया। खुशी अकेली हुई तो विभाग के लिए उसे जिंदा रखना चुनौती बन गया था। ऐसे में खुशी को उसकी नानी कपिला हथिनी ने अपने साथ रख लिया। तब से वह अपनी नानी के साथ ही घुल मिल गई थी। हाथियों में सबसे छोटी होने की वजह से उसे कर्मचारी काफी प्यार दुलार भी देते थे। उसकी मौत से कर्मचारियों में शोक व्‍याप्‍त है।

सीटीआर निदेशक धीरज पाण्डेय ने बताया कि मृत मादा हाथी का बच्चा 23 माह का था। वह लंबे समय से बीमार था। विभाग के वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी दुष्यंत शर्मा उसका उपचार कर रहे थे। शुक्रवार सुबह हाथी के बच्चे की मौत हो गई। नियमानुसार शव का पोस्टमार्टम कर आंतरिक अंगों के सेंपल फोरेसिंक जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजे गए हैं।

कपिला हुई अकेली

कालागढ़ में कपिला हथिनी भी अब अकेली हो गई है। पहले उसकी बेटी गंगा की मौत हुई। इसके बाद गंगा की बेटी खुशी उसके साथ रहने लगी थी। अब खुशी भी उसका साथ छोड़ गई। अब ऐसे में कपिला एक तरह से अकेली हो गई।

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