चिटफंड कंपनी ने दबाया लोगों का रुपया, एजेंट भी ऑफिस से हो गए गायब

नैनीताल रोड स्थित एक निजी सोसायटी के कार्यालय में सोमवार को जमकर बवाल हुआ। लंबे समय से जमा रकम नहीं मिलने पर लोग आक्रोशित हो गए।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 04 Dec 2018 07:10 PM (IST) Updated:Tue, 04 Dec 2018 07:10 PM (IST)
चिटफंड कंपनी ने दबाया लोगों का रुपया, एजेंट भी ऑफिस से हो गए गायब
चिटफंड कंपनी ने दबाया लोगों का रुपया, एजेंट भी ऑफिस से हो गए गायब

हल्द्वानी,  जेएनएन : नैनीताल रोड स्थित एक निजी सोसायटी के कार्यालय में जमकर बवाल हुआ। लंबे समय से जमा रकम नहीं मिलने पर लोग आक्रोशित हो गए। उन्होंने लखनऊ से आए कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी को घेर लिया और कंपनी की डायरेक्टर के घर पर भी धमक गए। बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराया।

डिग्री कॉलेज के पास एक चिटफंड कंपनी का कार्यालय है। यहां पहुंचे लोगों ने बताया कि 10 से 12 प्रतिशत ब्याज मिलने की बात कहकर उनके रुपयों की एफडी बनवाई गई। अब छह माह से लगातार चक्कर काटने के बावजूद रुपये नहीं मिल रहे हैं। जिन लोगों के माध्यम से रुपये जमा करवाए गए, वे भी ऑफिस से गायब रहते हैं। इस बीच लखनऊ से हल्द्वानी पहुंचे एक अधिकारी को देख लोगों का पारा गर्म हो गया। रकम लौटाने की जिद को लेकर लोगों ने उसे घेर लिया। जिसके बाद बृजलाल अस्पताल के पास स्थित एक कॉलोनी में रहने वाली कंपनी के डायरेक्टर के घर भी एक दर्जन लोग पहुंच गए। हालांकि भीड़ देख वह बाहर नहीं निकलीं। सूचना पर काठगोदाम पुलिस मौके पर पहुंचे। चौकी इंचार्ज दान सिंह मेहता ने बताया कि इस मामले में किसी ने लिखित तहरीर नहीं दी है। लेकिन पुलिस ने डायरेक्टर रह चुकी महिला व अन्य अधिकारियों से साफ कहा कि मंगलवार सुबह दस बजे तक सोसायटी का बॉयलाज व संचालन से संबंधित सभी दस्तावेज लेकर चौकी पहुंचें।

कार से दबाने का आरोप

गौलापार निवासी विजय रावत ने बताया कि वह रुपये मांगने के लिए जब ऑफिस पहुंचा तो महिला अधिकारी वहां मौजूद थीं। भीड़ देख वह कार लेकर निकलने लगीं। आरोप है कि रोकने पर उसे कार से दबाने का प्रयास किया गया।

इनके रुपये फंसे

गौलापार निवासी रामदेव पलडिय़ा ने 15 लाख, नैनीताल रोड निवासी विनोद ठाकुर ने 24 हजार, एजेंट पंकज ने ढाई लाख, विजय रावत ने दो लाख 85 हजार, पीलीकोठी निवासी कमला ने 60 हजार व रुद्रपुर निवासी ज्योति बिष्ट ने 64 हजार की रकम नहीं देने का आरोप लगाया है। वहीं, बताया जा रहा है कि पुलिसकर्मी भी यहां रकम अटकने से परेशान है।

ऑफिस में रह गए दो लोग

पहले सोसायटी में नौकरी कर चुके पंकज नामक युवक ने बताया कि तीन माह तक सैलरी नहीं मिलने पर उसने नौकरी छोड़ दी। पहले पूरा स्टॉफ था, लेकिन अब दो ऑपरेटर ही बचे हैं।

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