आध्यात्मिक महत्व के नंदाकुंड में विश्राम को बनाई गुफा, एक साथ बैठ सकेंगे 40 लोग
गोगिना से नंदाकुंड की दूरी करीब 35 किमी है और यह कुंड लगभग 13 हजार मीटर की ऊंचाई पर है। यहां ब्रह्म कलम भी खिलते हैं और यात्री उन्हें तोड़कर देवी को चढ़ाने के लिए लाते हैं। यहां यात्री खुली छत के नीचे रहते हैं। पर अब परेशानी नहीं होगी।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : कपकोट तहसील के नंदाकुंड में विश्राम के लिए स्थानीय लोगों ने एक गुफा का निर्माण किया है। गुफा की लंबाई 13 और चौड़ाई 25 फीट है। जिसमें एक साथ 20 यात्री आराम कर सकते हैं। जबकि 40 लोग बैठकर भजन-कीर्तन कर सकेंगे। यह गुफा दो लाख रुपये की विधायक निधि और स्थानीय लोगों की कड़ी मेहनत के बाद बन सकी है।
लीती गांव में मां भगवती का मंदिर है। यहां से हरवर्ष देवी नवरात्र में यात्रियों का जत्था नंदाकुंड की तरफ प्रस्थान करता है। यहां भगवती का खड्ग को स्नान कराया जाता है। लगभग पांच दिन की यह पैदल यात्रा रहती है। गोगिना से नंदाकुंड की दूरी करीब 35 किमी है और यह कुंड लगभग 13 हजार मीटर की ऊंचाई पर है। यहां ब्रह्म कलम भी खिलते हैं और यात्री उन्हें तोड़कर देवी को चढ़ाने के लिए लाते हैं। यहां यात्री खुली छत के नीचे रहते हैं। विधायक बलवंत ङ्क्षसह के प्रयासों से यहां ग्रामीणों ने एक गुफा का निर्माण किया है।
यह गुफा पूरी तरह पत्थरों से बनी है। स्थानीय निवासी मोहन ङ्क्षसह कोरंगा ने बताया कि नींव की लंबाई और चौड़ाई एक मीटर है। उसके ऊपर से यह गुफा बनाई गई है। उन्होंने विधायक बलवंत भौर्याल के सहयोग पर उनका आभार जताया है।
ऐसे पहुंचें नंदाकुंड
बागेश्वर से 24 किमी दूर कपकोट से 35 लीती, 25 गोगिना किमी। 15 किमी कुरमया बुग्याल, लगभग 10 किमी जथ उडियारी और 10 नंदाकुंड।
हिमालय के होंगे दर्शन
नंदाकुंड से नंदाकोट, नंदादेवी, मैकतोली आदि पर्वत श्रृखंलाओं का दीदार होता है। इसके अलावा लीली, होकरा, नामिक, सौधारा, झूनी, खल्झूनी, लोहारखेत, चौड़ास्थल गांव भी दिखाई देते हैं।