रफ्तार व नशा लील गया तीन युवा जिंदगी, अंंशुल कर रहा था इंजीनियरिंग, आशीष था कॉलेज में

सटीएच से 200 मीटर पहले रामपुर रोड स्थित रुद्राक्षी बैंक्वेट हॉल में मंगलवार शाम खुशियों का माहौल था। शाम तक पल-पल वधू पक्ष के लोग दिल्ली से आ रही बारात का इंतजार करते रहे।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 17 Apr 2019 09:37 AM (IST) Updated:Wed, 17 Apr 2019 09:37 AM (IST)
रफ्तार व नशा लील गया तीन युवा जिंदगी, अंंशुल कर रहा था इंजीनियरिंग, आशीष था कॉलेज में
रफ्तार व नशा लील गया तीन युवा जिंदगी, अंंशुल कर रहा था इंजीनियरिंग, आशीष था कॉलेज में

हल्द्वानी, संदीप मेवाड़ी : एसटीएच से 200 मीटर पहले रामपुर रोड स्थित रुद्राक्षी बैंक्वेट हॉल में मंगलवार शाम खुशियों का माहौल था। शाम तक पल-पल वधू पक्ष के लोग दिल्ली से आ रही बारात का इंतजार करते रहे। बारात आने के बाद शादी की रस्में शुरू होते ही माहौल ओर खुशनुमा हो गया। लेकिन रात साढ़े 12 बजे करीब दो परिवारों की खुशियां मातम में बदल गई। जिसका वजह नशा व तेज रफ्तार थी।

नैनीताल निवासी रिटायर्ड तहसीलदार महेश लाल की बेटी की शादी में सभी करीबी व दूर के रिश्तेदार आए थे। दुल्हन रुचि की मामा का लड़का आदर्श उर्फ अंशुल इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर रहा था। वहीं नैनीताल निवासी मौसी का बेटा आशीष कॉलेज का छात्र था। देर रात शादी की रस्म चल रही थी। इस बीच बारात में शामिल कई लोग गार्डन के गेट पर खड़े हो गए। तभी नशे में धुत कार चालक ने तेज रफ्तार कार चार लोगों पर चढ़ा दी। आसपास के लोगों की माने तो कार चालक को होश ही नहीं था कि उसने क्या कर दिया। एक्सीडेंट की खबर मिलने पर बैंक्वेट हॉल से लोग बाहर दौड़े। जिसके बाद तुंरत घायलों को एसटीएच लाया गया। जहां दुल्हन के दो भाईयों व गार्ड की मौत हो गई।

बहन की विदाई में आए भाई दुनिया से अलविदा

दून व नैनीताल से शादी में आए दो भाई अपनी लाडली बहन की डोली को विदा करने के लिए आए थे। लेकिन कार चालक की लापरवाही की वजह से कम उम्र में ही दोनों ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

कार चालक समेत दो साथी दूसरी कार से हुए फरार

तीन लोगों को कुचलकर मौत के घाट उतारने वाला कार चालक घटना के बाद अपने दो साथियों संग मौके से फरार हो गया। जबकि उनका चौथा घायल साथी कार में ही रह गया। टीपी नगर चौकी प्रभारी सुशील कुमार ने बताया कि अचानक हुए इस हादसे से समारोह में आए लोगों में भगदड़ मच गई। हादसे के चंद सेकेंड बाद ही हल्द्वानी की ओर से दूसरी कार आई। जिसमें कार चालक व दो अन्य साथी सवार होकर रुद्रपुर की ओर निकल गए। हालांकि वह टांडा बैरियर तक नहीं गए थे। रातभर पुलिस की टीमें उस कार को तलाश रही थी। दूसरी कार का नंबर यूके 04 एबी 0700 बताया जा रहा है।

अस्पताल ने फिर दिखाई संवेदनहीनता

देर रात इतना बड़ा हादसा होने के बावजूद एसटीएच में मौजूद चिकित्सक व स्टॉफ ने संदेदनहीनता का परिचय दिया। घायलों को लाने पर वह इलाज करने से पहले पर्ची काटकर लाने को कहने लगे। परिजनों के मुताबिक जिस समय अंशुल को अस्पताल लाया गया। उस समय तक वह जिंदा था। अगर इलाज जल्दी मिल जाता तो शायद उसकी जान बच जाती है।

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