कोरोना संक्रमण ठीक होने पर भी फूल रही सांस, बढ़ रही पोस्ट कोविड सिंड्रोम वाले मरीजों की संख्या

कोरोना संक्रमित कुछ मरीज एक बार स्वस्थ होने के बाद फिर बीमार हो रहे हैं। इसमें बड़ी समस्या सांस फूलने की है। इस तरह के मरीज दोबारा उपचार को पहुंच रहे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 13 Sep 2020 09:46 PM (IST) Updated:Sun, 13 Sep 2020 09:46 PM (IST)
कोरोना संक्रमण ठीक होने पर भी फूल रही सांस, बढ़ रही पोस्ट कोविड सिंड्रोम वाले मरीजों की संख्या
कोरोना संक्रमण ठीक होने पर भी फूल रही सांस, बढ़ रही पोस्ट कोविड सिंड्रोम वाले मरीजों की संख्या

हल्द्वानी, जेएनएन : कोरोना संक्रमित कुछ मरीज एक बार स्वस्थ होने के बाद फिर बीमार हो रहे हैं। इसमें बड़ी समस्या सांस फूलने की है। इस तरह के मरीज दोबारा उपचार को पहुंच रहे हैं। डॉ. सुशीला तिवारी कोविड अस्पताल के चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल ऐसे मरीजों की संख्या कम है, लेकिन एक बार स्वस्थ होने पर लापरवाही न बरतें। इस तरह के रोगियों को डॉक्टर के फॉलोअप में रहना चाहिए।

एसटीएच के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि कुछ लोग 10 दिन में तो कुछ को ठीक होने में चार महीने भी लग सकते हैं। दोबारा संक्रमण को लेकर फिलहाल स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। पोस्ट कोविड सिंड्रोम की समस्या देखने को मिल रही है। ऐसे में एहतियात बरतने के साथ ही खानपान को दुरुस्त रखें।

केस एक - एसटीएच में भर्ती 45 वर्षीय पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित होने के बाद ठीक हो गए। करीब एक महीने इलाज कराने के बाद डिस्चार्ज किए गए थे, लेकिन उन्हें अब भी सांस फूलने की समस्या बनी हुई है।

केस दो- शहर के ही 54 वर्षीय व्यापारी भी कोरोना पॉजिटिव हुए थे। 22 दिन एसटीएच में भर्ती रहे। प्लाज्मा भी चढ़ा। डिस्चार्ज होने के 30 दिन बाद भी खुद को पूरी तरह स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे हैं। शरीर में थकान रहती है।

ये लक्षण फिर से दिख रहे - सांस फूलना - बेचैनी - थकान - घबराहट

बचाव के लिए अपनाएं ये तरीका

- खानपान का विशेष ध्यान रखें - डॉक्टर की ओर बताए व्यायाम करें - अन्य बीमारियों का इलाज करते रहें - शुगर, बीपी को नियंत्रित रखें - दिक्कत बढऩे पर डॉक्टर से संपर्क करें

मरीजों को भी बचाव की जरूरत

एसटीएच के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि एक बार इलाज कर चुके कुछ मरीजों में सांस फूलने की समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है। इन मरीजों को भी बचाव की जरूरत है। घबराने के बजाय दिक्कत बढऩे पर कोविड ओपीडी में पहुंचें। समय पर इलाज कराएं। 

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