पुलिस के भय से परिवार ने श्रीनगर छोड़ा, हाईकोर्ट पहुंचा मामला, एसएसपी को रिपोर्ट देने के निर्देश
उत्तराखंड की मित्र पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। पौड़ी जिले के श्रीनगर गढ़वाल में पुलिस के भय से परिवार ने श्रीनगर शहर छोड़ दिया है।
नैनीताल, जेएनएन : उत्तराखंड की मित्र पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। पौड़ी जिले के श्रीनगर गढ़वाल में पुलिस के भय से परिवार ने श्रीनगर शहर छोड़ दिया है। पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाते हुए आज पीड़ित ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की तो मामले को गंभीर मानते हुए हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने एसएसपी पौड़ी को आदेश दिया है कि तीन दिन के भीतर पूरे मामले की स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करें, साथ ही कोर्ट ने पुलिस की तरफ से दर्ज मुकदमे पर कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
आरोप है कि हाईकोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ता राकेश कुंवर के परिवार पर पुलिस द्वारा नौ जुलाई को रात में घर में घुसकर जानलेवा हमला किया। साथ ही परिवार के लोगों को पुलिस ने जमकर पीटने के साथ घर में तोड़ फोड़ कर नगदी तक लूट ले गये। इसके साथ ही आरोप लगाया गया है कि पुलिस की मार से उनके भाई को देहरादून से दिल्ली रेफर कर दिया है, उसकी हालत अभी भी नाजुक बनी है। याचिका में कहा गया है कि एसएसपी पौड़ी को शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई ना होने पर परिवार ने घर छोड़ा तो हाईकोर्ट में अधिवक्ता ने याचिका दाखिल कर दी है। आज न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने पूरे मामले पर एसएसपी पौड़ी को तीन दिन के भीतर पूरी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। इस घटना से हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं में भी गुस्सा है।
आरोप है कि हाईकोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ता राकेश कुंवर के परिवार पर पुलिस द्वारा नौ जुलाई को रात में घर में घुसकर जानलेवा हमला किया। साथ ही परिवार के लोगों को पुलिस ने जमकर पीटने के साथ घर में तोड़ फोड़ कर नगदी तक लूट ले गये। इसके साथ ही आरोप लगाया गया है कि पुलिस की मार से उनके भाई को देहरादून से दिल्ली रेफर कर दिया है, उसकी हालत अभी भी नाजुक बनी है। याचिका में कहा गया है कि एसएसपी पौड़ी को शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई ना होने पर परिवार ने घर छोड़ा तो हाईकोर्ट में अधिवक्ता ने याचिका दाखिल कर दी है। आज न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने पूरे मामले पर एसएसपी पौड़ी को तीन दिन के भीतर पूरी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। इस घटना से हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं में भी गुस्सा है।