ताऊ का भाई ले गया था सतीश को साथ

By Edited By: Publish:Mon, 15 Sep 2014 01:35 AM (IST) Updated:Mon, 15 Sep 2014 01:35 AM (IST)
ताऊ का भाई ले गया था सतीश को साथ

::: एक्सक्लूसिव :::

सब हेड

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : बुलंदशहर की सनसनीखेज डकैती में ताऊ गैंग के शामिल होने की पुष्टि तो हो चुकी है, लेकिन इस वारदात में ताऊ के साथ उसका दाहिना हाथ सतीश उर्फ अमित भी शामिल था। पेशी पर ले जाने वाले सिपाही एक होटल में शराब के नशे में धुत होकर शबाब और कबाब के मजे ले रहे थे। पूरी वारदात को अंजाम देने के बाद सतीश वापस लौट आया।

आठ अगस्त की शाम करीब साढ़े छह बजे ऊधमसिंह नगर जिले के सिपाही पंकज, दीपक बिष्ट, संजय भट्ट व ड्यूटी इंचार्ज हरीश चंद्र सतीश उर्फ अमित को अलीगढ़ पेशी पर ले गए थे। चूंकि अमित का घर अलीगढ़ में है। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो तीनों सिपाही अमित के घर रुके, नहाया और आराम किया। पेशी से लौटने के बाद तीनों सिपाहियों को अमित अलीगढ़ के एक होटल ले गया। जहां इनके लिए खास इंतजाम (शराब, शबाब और कबाब) किया गया था। सिपाही अय्याशी में मशगूल थे। इस दौरान गैंग का लीडर इंद्रपाल उर्फ ताऊ का अमित से फोन पर संपर्क हुआ। कुछ ही देर बाद ताऊ का भाई एक लग्जरी कार लेकर अलीगढ़ पहुंचा। सतीश कार से महज डेढ़ घंटे की दूरी पर स्थित वारदात स्थल एलएम ज्वेलर्स पहुंच गया। सिर पर हेलमेट, हाथों में दस्ताने पहने और साथियों के साथ शॉप में दाखिल हो गया। कुछ मिनट में वारदात को अंजाम देने के बाद सभी फरार हो गए। सतीश को कार से उसी होटल में वापस पहुंचा दिया गया। इनकी 12 सितंबर की रात तीन बजे की ट्रेन से वापस थी, लेकिन सिपाहियों पर नशा इतना हावी था कि वह वापस आने में सक्षम नहीं थे। सो, सभी अगली सुबह साढ़े छह बजे बस से हल्द्वानी को रवाना हुए। इससे शहर वापसी में देरी हुई।

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सिटी जेल में हुई सतीश से पूछताछ

सतीश उर्फ अमित से सिटी एसओजी टीम पहले ही पूछताछ कर चुकी है। जिसके बाद बुलंदशहर के सीओ ने सतीश से पूछताछ की। रविवार को एक बार फिर सतीश से पूछताछ की गई। बुलंदशहर के एक इंस्पेक्टर पूछताछ को जेल पहुंचे और करीब दो घंटे तक पूछताछ चली। इस दौरान सतीश ने कई अहम राज उगले।

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हेलमेट पहनाकर देखा सतीश का चेहरा

सीसीटीवी फुटेज में जिस शख्स का चेहरा हेलमेट से ढका था, पुलिस उसे सतीश उर्फ अमित मान रही थी। इसकी तस्दीक करने को एसओजी ने जेल में दाखिल होने से पहले ही सतीश को रोक लिया। उससे पूछताछ की और हेलमेट पहनाकर सीसीटीवी फुटेज से मिलान कराया। सूत्र बताते हैं कि हेलमेट पहनने के बाद सतीश हूबहू सीसीटीवी में दिख रहे चेहरे से मेल खा रहा है।

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नाम छिपाने को हाथों में पहने दस्ताने

सीसीटीवी फुटेज में हेलमेट में दिख रहे डकैत ने न केवल अपना चेहरा छिपाने का प्रयास किया बल्कि अपने हाथों को भी छिपाने की कोशिश की। हाथ में उस शख्स ने दस्ताने पहन रखे थे। दरअसल, सतीश ऐसा कर सकता है, क्योंकि सतीश के हाथ में उसका नाम गुदा है। सूत्र बताते हैं कि वारदात के दौरान कोई उसका नाम पढ़ न ले, इसलिए उसने दस्ताने पहने थे।

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वारदात में शामिल था खटीमा का सिपाही

सीसीटीवी में दिख रहा वर्दीधारी सिपाही ही था। सूत्र कहते हैं कि फुटेज में दिख रहा सिपाही खटीमा का धीरेंद्र है और कुछ साल पहले ही बर्खास्त किया गया था। सिपाही हत्या का आरोपी था और इस मामले में उसे सजा भी हुई थी। सजा से रिहा होने के बाद एक बार फिर इस सिपाही की गिरफ्तारी हुई और इस बार उसे आ‌र्म्स एक्ट के मामले में जेल भेजा गया था।

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