मीटरों ने रोकी हर माह 12 लाख यूनिट बिजली की पैदावार

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) गर्मी में किल्लत के बीच मांग

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Apr 2017 01:00 AM (IST) Updated:Mon, 24 Apr 2017 01:00 AM (IST)
मीटरों ने रोकी हर माह 12 लाख यूनिट बिजली की पैदावार
मीटरों ने रोकी हर माह 12 लाख यूनिट बिजली की पैदावार

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) गर्मी में किल्लत के बीच मांग पूरी करने के लिए जहां उप्र व केंद्रीय पूल से हर दिन बिजली खरीद रहा है, वहीं उत्तराखंड में हर माह करीब 12 लाख यूनिट तक बिजली उत्पादन खुद ऊर्जा निगम की लापरवाही से नहीं हो पा रहा है। हालत यह है कि उरेडा की प्रदेशभर में करीब 2100 सोलर परियोजनाएं तैयार हैं, लेकिन ऊर्जा निगम उनसे बिजली खरीद करने के लिए मीटरों को शुरू करने की औपचारिकता पूरी करने में देरी के रिकार्ड तोड़ रहा है।

तपिश बढ़ने के साथ ही प्रदेश को हर दिन 40 मिलियन यूनिट से ज्यादा बिजली की जरूरत पड़ती है, जबकि ऊर्जा निगम के खाते में बिजली उत्पादन इससे कहीं कम है। उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) ने 2015-16 में प्रदेश में ऊर्जा उत्पादन का बड़ा स्रोत देने को पर्वतीय जिलों के लिए चार से पांच किलोवाट वाली क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाने की पहल की थी। 90 फीसद तक अनुदान वाली सूर्योदय स्वरोजगार योजना के तहत 2196 लोगों ने आवेदन किए थे और 1948 लोगों ने यह प्लांट लगवा भी लिए हैं। चार से पांच किलोवाट वाले प्रत्येक प्लांट से हर दिन 16 से 20 यूनिट बिजली पैदा होनी है। उरेडा अधिकारियों की मानें तो प्रदेशभर में लगने वाले सोलर प्लांट से करीब 40 हजार यूनिट बिजली प्रत्येक दिन पैदा होगी, जबकि माहभर उत्पादन का यह आंकड़ा करीब 12 लाख यूनिट का है। दिक्कत यह है कि पिछले वर्ष अप्रैल में आवेदन मिलने के बावजूद पहले उरेडा ने इन प्लांटों को लगवाने में लेटलतीफी की और अब इनमें बिजली खरीद के लिए ऊर्जा निगम अपने मीटर लगाने में लापरवाही कर रहा है। प्रदेश में अब तक 40 से 50 परियोजनाओं को ही शुरू करने के लिए मीटर लग सके हैं।

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मीटरों की जांच करने में लगातार देरी

उरेडा के पावर प्लांट से बिजली खरीद के लिए दो मीटर लगने हैं। एक मीटर प्लांट लगाने वाली आउट सोर्सिग कंपनी लगाएगी तो दूसरा मीटर खुद ऊर्जा निगम लगाएगा। जबकि इन दोनों ही मीटरों की जांच ऊर्जा निगम की लैब से ओके होने के बाद ही लगेगी। जबकि यूपीसीएल के पास छह जगह हल्द्वानी, काशीपुर, अल्मोड़ा, देहरादून, हरिद्वार व पौड़ी में ही लैब हैं। यहां भी मीटरों की चेकिंग का काम बेहद धीमी गति से हो रहा है।

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इतने सोलर प्लांटों से खरीदी जानी बिजली

जिला प्लांट की संख्या

देहरादून 111

हरिद्वार शून्य

टिहरी गढ़वाल 265

उत्तरकाशी 179

पौड़ी गढ़वाल 311

चमोली 215

रुद्रप्रयाग 108

पिथौरागढ़ 266

चंपावत 142

अल्मोड़ा 301

बागेश्वर 172

नैनीताल 126

यूएस नगर शून्य

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यूपीसीएल की लैब से मीटरों की जांच पूरी होने में देरी हो रही है। इससे बड़ी तादाद में बिजली बिक्री नहीं शुरू हो पा रही है। हालांकि जून तक इसे पूरा करने की कवायद हो रही है।

-एके त्यागी, मुख्य परियोजना अधिकारी, उरेडा

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