हाई कोर्ट समाचार::::: 1880 शिक्षकों की चयन प्रक्रिया के अंतिम परिणाम पर रोक
- हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा तीन हफ्ते में जवाब
- नियुक्तियों में राज्य आंदोलनकारियों, आश्रितों व विशिष्ट खिलाडि़यों को आरक्षण देने को चुनौती
जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों की नियुक्ति में राज्य आंदोलनकारियों, उनके आश्रितों व विशिष्ट खिलाडि़यों को आरक्षण देने संबंधी मामले में राज्य सरकार से तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के आदेश पारित किए हैं, साथ ही कोर्ट ने सहायक अध्यापकों के 1880 पदों पर चयन प्रक्रिया के अंतिम परिणामों पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट का फैसला चुनावी मौसम में सरकार के लिए नुकसानदेह माना जा रहा है।
टिहरी गढ़वाल निवासी केशवानंद झिडि़याल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सहायक अध्यापक के पदों पर नियुक्ति में राज्य आंदोलनकारी, उनके आश्रितों व खिलाडि़यों को आरक्षण दिए जाने के मामले को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इसी साल पहली व 24 फरवरी को सरकार ने सहायक अध्यापकों के 1880 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की। विज्ञप्ति प्राथमिक विद्यालय अध्यापक सेवा नियमावली-2012-13 के प्रावधानों के विपरीत है। याची के अनुसार हाई कोर्ट ने राज्य आंदोलनकारियों, उनके आश्रितों व विशिष्ट खिलाडि़यों को नौकरियों में आरक्षण को गलत ठहराया है। इसलिए नियुक्तियों में आरक्षण असंवैधानिक है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया की एकल पीठ ने शिक्षकों की अंतिम चयन प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के आदेश पारित किए।