दोहरी जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ रहीं नारियां: डॉ. पंड्या

जागरण संवाददाता हरिद्वार गायत्री तीर्थ शांतिकुंज प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या ने कहा है कि नार

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Oct 2019 07:40 PM (IST) Updated:Tue, 15 Oct 2019 07:40 PM (IST)
दोहरी जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ रहीं नारियां: डॉ. पंड्या
दोहरी जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ रहीं नारियां: डॉ. पंड्या

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: गायत्री तीर्थ शांतिकुंज प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या ने कहा है कि नारी पुरुषों के संग कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। अब उन्हें अबला नहीं कहा जा सकता। उन पर दोहरी जिम्मेदारी होती है, वे अपनी व्यवस्था व बुद्धि से सफलता हासिल करती हैं। संस्था की अधिष्ठात्री शैलदीदी ने कहाकि नारी को नए समाज की संरचना की जिम्मेदारी को निभाने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।

मंगलवार को गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में पांच दिवसीय कन्या-किशोर कौशल अभिव‌र्द्धन प्रशिक्षक प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ। इस समापन समारोह को डॉ. प्रणव पंड्या व शैल दीदी ने संबोधित किया। शिविर में झारखंड के ग्यारह एवं बिहार के तेरह जिलों से चयनित प्रतिभागी महिलाएं शामिल हुईं। पांच दिनों के इस सम्मेलन में कुल 24 सत्र हुए। इसमें प्रतिभागियों को कन्या कौशल क्यों, व्यक्तित्व परिष्कार, सफल जीवन की दिशा-धारा, क्या हो हमारा जीवन लक्ष्य, कर्मफल का सिद्धांत, जीवन निर्माण का विज्ञान, गायत्री और यज्ञ सहित कुल 24 विषयों को शामिल किया गया। इस पर व्यवहारिक व सैद्धांतिक जानकारियां दी गई। शांतिकुंज महिला मण्डल की प्रमुख यशोदा शर्मा ने कहाकि प्रशिक्षण शिविर अपने अंदर छुपी प्रतिभा को जाग्रत करने एवं आंतरिक ऊर्जा को सुनियोजित करने की विधा का नाम है। उन्होंने कहा कि सैद्धांतिक व व्यवहारिक किया के माध्यम से जो प्रशिक्षण दिये गए, उसे जीवन में अपनाने से महानता की ओर अग्रसर हो सकते हैं। महानता अर्थात आंतरिक प्रतिभा परिष्कार के साथ विनम्रता एवं ईमानदार से होनी चाहिए। इससे पहले प्रभागी महिलाओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में कन्याओं को प्रशिक्षित करने, उनमें आत्मविश्वास जगाने, स्वसुरक्षा के लिए विभिन्न आयामों का प्रशिक्षण देने का संकल्प लिया।

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