स्वामी राजेश्वरानंद ने किया कोरोना मृतकों का अस्थि विसर्जन

स्वामी राजेश्वरानंद महाराज ने दिल्ली के निगम बोध घाट समेत अन्य श्मशान घाटों से लाये कोराना मृतकों के अस्थि अवशेषों का कनखल सती घाट पर सनातन परंपरा के अनुसार विसर्जन किया।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 07 Aug 2020 04:31 PM (IST) Updated:Fri, 07 Aug 2020 04:31 PM (IST)
स्वामी राजेश्वरानंद ने किया कोरोना मृतकों का अस्थि विसर्जन
स्वामी राजेश्वरानंद ने किया कोरोना मृतकों का अस्थि विसर्जन

हरिद्वार, जेएनएन। दिल्ली शाहदरा स्थित श्री राजमाता झंडेवाला मंदिर के परमाध्यक्ष और भूपतवाला कैलाश गली स्थित श्रीराज माता आश्रम के स्वामी राजेश्वरानंद महाराज ने शुक्रवार को दिल्ली के निगम बोध घाट समेत अन्य श्मशान घाटों से लाये 50 कोराना मृतकों के अस्थि अवशेषों का कनखल सती घाट पर सनातन परंपरा के अनुसार विसर्जन किया। मृतकों की आत्मिक शांति के लिये ईश्वर से प्रार्थना की। 

स्वामी राजेश्वरानंद महाराज ने बताया कि कई कोरोना संक्रमितों की मौत के बाद स्वजनों ने साथ छोड़ दिया। कितने ही कोरोना मृतकों के अस्थि अवशेषों को उनके स्वजन लेने नहीं आये। बताया कि कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार कराते वह खुद परिवार समेत कोरोना संक्रमित हो गए पर सेवा से पीछे नहीं हटे। कोरोना से युद्ध जीतने के बाद फिर से सेवा कार्यों में जुट गये।

बताया कि एक दिन वह दिल्ली के निगम बोध घाट गये तो मालूम हुआ कि कई कोरोना मृतकों के अस्थि अवशेषों को लेने उनके स्वजन नहीं आये। उसी क्षण मन में निश्चय कर लिया कि इन अस्थि कलशों को वह सनातन परंपरा के अनुसार गंगा में विसर्जन कर। सनातन धर्म की मान्यतानुसार जब तक मरणोपरांत गंगा में अस्थि विसर्जन नहीं किया जाता तब तक मनुष्य को मुक्ति संभव नहीं होती। काफी जिद्दोजहद के बाद करीब 50 मृतकों के अस्थि अवशेषों को लेकर हरिद्वार पहुंचे। इस दौरान संस्थान के सह प्रबंधक राम वोहरा, गुलशन शर्मा, सरला तिवारी, अशा शर्मा का सहयोग रहा। 

यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश के राज्यपाल स्व. लालजी टंडन की अस्थियां हरकी पैड़ी पर गंगा में विसर्जित

chat bot
आपका साथी