अंजान बुखार ले रहा जान, विभाग नहीं कर पाया पहचान

संवाद सूत्र भगवानपुर भगवानपुर तहसील क्षेत्र के छापुर एवं सिकंदरपुर भैंसवाल गांव में संदिग्ध

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Oct 2019 03:00 AM (IST) Updated:Thu, 10 Oct 2019 06:31 AM (IST)
अंजान बुखार ले रहा जान, विभाग नहीं कर पाया पहचान
अंजान बुखार ले रहा जान, विभाग नहीं कर पाया पहचान

संवाद सूत्र, भगवानपुर: भगवानपुर तहसील क्षेत्र के छापुर एवं सिकंदरपुर भैंसवाल गांव में संदिग्ध बुखार से एक माह में 20 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अभी तक यह बताने में नाकाम रहा है कि मौत किस बुखार की वजह से हो रही है। हालांकि ग्रामीणों का दावा है कि यह मौत डेंगू की वजह से हुई है। पूर्व सीएम हरीश रावत भी पीड़ित परिवारों से मिलकर सरकार पर निशाना साध चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार महकमा मौत की वजह बताना तो दूर बुखार पीड़ितों का आंकड़ा रोकने की दिशा में भी कोई कदम नहीं उठा रहा है।

भगवानपुर तहसील क्षेत्र के छापुर एवं सिकंदरपुर भैंसवाल गांव में संदिग्ध बुखार से पिछले माह मौत का सिलसिला शुरू हुआ था। पहले सात लोगों की मौत हुई। इसके बाद 11 लोगों की मौत पर स्वास्थ्य विभाग की सुस्ती टूटी। दोनों गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाए गए। ग्रामीणों के ब्लड सैंपल लिए गए। 45 लोगों में डेंगू के प्रारंभिक लक्षण मिले, जबकि सात में टाइफाइड के लक्षण पाए गए। ग्रामीण लगातार डेंगू से मौत की बात कहते रहे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग संदिग्ध बुखार से मौत ही बताता रहा।

बुधवार को तहसील क्षेत्र के चौल्ली शहाबुद्दीनपुर में तीन मौत हो गई। यह गांव छापुर से करीब एक किमी दूर है। अब इस गांव के लोग भयभीत नजर आ रहे हैं। गांव के इरफान अहमद, सलीम ने आरोप लगाया कि विभाग कोई कदम नहीं उठा रहा है। बुखार पीड़ितों का कोई उपचार नहीं हो रहा है।

इस संबंध में सीएमओ डॉ. सरोज नैथानी ने बताया कि बुधवार को उन्हें दो लोगों की मौत होने की सूचना मिली थी। गांव में टीम भेजी गई है। मौत किस वजह से हुई है यह तो मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद ही पता चल सकेगा। प्रभावित गांव में स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार शिविर लगाए जा रहे है। छापुर गांव में आठ बार स्वास्थ्य शिविर लग चुके हैं।

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छह मरीजों में डेंगू पॉजिटिव

रुड़की: रुड़की सिविल अस्पताल में बुखार से पीड़ित 16 मरीजों के सैंपल लिए गए थे। इसमें से छह मरीजों में डेंगू पॉजिटिव मिला है। इन सभी का उपचार शुरू कर दिया गया है। वहीं सिविल अस्पताल के दोनों डेंगू वार्ड मरीजों से भरे हुए हैं, जबकि निजी अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में डेंगू से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं।

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