भाषा का उद्देश्य आपसी समझ को बढ़ावा देना

जागरण संवाददाता हरिद्वार केंद्रीय हिदी निदेशालय मानव संसाधन विकास मंत्रालय व हिदी विभाग देव

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Feb 2020 08:37 PM (IST) Updated:Wed, 26 Feb 2020 06:18 AM (IST)
भाषा का उद्देश्य आपसी समझ को बढ़ावा देना
भाषा का उद्देश्य आपसी समझ को बढ़ावा देना

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: केंद्रीय हिदी निदेशालय मानव संसाधन विकास मंत्रालय व हिदी विभाग देव संस्कृति विश्वविद्यालय की ओर से चल रहे हिदी भाषा की प्रयोजनीयता विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला व छात्र अध्ययन यात्रा का समापन रविवार को हुआ। मुख्य अतिथि गांधारी पांगती ने कहा हिदी भाषा के प्रचार-प्रसार को भारत सरकार भाषा, पत्रिका, पत्राचार के माध्यम से पढ़ाई, पुरस्कार योजना, शिक्षा पुरस्कार, प्रधानाध्यापक कार्यशाला, राष्ट्रीय संगोष्ठी, पीएचडी छात्रों के लिए अनुदान आदि संचालित कर इसे बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं कुलपति शरद पारधी ने कहा भाषा का उद्देश्य आपसी समझ को बढ़ावा देना है।

देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शरद पारधी ने कहा कि हिदी की प्रयोजनीयता को समझने के लिए हमें अपनी भूमिका तय करनी होगी। हिदी भाषा को माध्यम बनाकर विकास की नई परिभाषा गढ़नी चाहिए। देसंविवि के स्कूल डीन डॉ. सुरेश वर्णवाल ने कहा हिदी भाषा विश्व को जोड़ने में सक्षम है। हिदी हमारी आवश्यकता नहीं, सभी भाषाओं को एक सूत्र में पिरोने वाली श्रेष्ठ भाषा है।

हिदी विभागाध्यक्ष डॉ. नरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा जनमाध्यम ही प्रयोजनीयता का आधार है। हिन्दी भाषा के आधार पर हम रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। दो दिन चले राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिदी को जन-जन की भाषा बनाने व व्यापकता पर मंथन किया गया। कार्यशाला में केंद्रीय हिदी निदेशालय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के हिन्दी विशेषज्ञ प्रो. सुशील उपाध्याय, प्रो. सत्यप्रकाश शर्मा के अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक, असम से आए हुए शिक्षक और शिक्षार्थी मौजूद रहे।

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