सीएम ने दिया 'मुक्ति योजना' को रद करने का आश्वासन

हरकी पैड़ी की प्रबंध कार्यकारिणी एवं तीर्थ पुरोहितों की शीर्ष संस्था श्रीगंगा सभा के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर उनसे उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की अस्थिप्रवाह मुक्ति योजना को रद करने की मांग की। इस दौरान उन्हें मांग से संबंधित ज्ञापन भी सौंपा गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Sep 2021 08:30 PM (IST) Updated:Sun, 05 Sep 2021 08:30 PM (IST)
सीएम ने दिया 'मुक्ति योजना' को रद करने का आश्वासन
सीएम ने दिया 'मुक्ति योजना' को रद करने का आश्वासन

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: हरकी पैड़ी की प्रबंध कार्यकारिणी एवं तीर्थ पुरोहितों की शीर्ष संस्था श्रीगंगा सभा के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर उनसे उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की 'अस्थिप्रवाह मुक्ति योजना' को रद करने की मांग की। इस दौरान उन्हें मांग से संबंधित ज्ञापन भी सौंपा गया। बाद में प्रतिनिधिमंडल की ओर से दावा किया गया कि मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित योजना को रद करने का आश्वासन दिया है।

श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने बताया कि संस्कृत भाषा व संस्कृत शिक्षा के उत्थान को गठित संस्कृत अकादमी अपने उद्देश्य से भटककर पुरोहितों द्वारा संपन्न कराए जाने वाले धार्मिक कर्मकांडों में हस्तक्षेप कर रही है। कहा कि पीढि़यों से चली आ रही परंपराओं का पालन करते हुए तीर्थ पुरोहित ही अपने यजमानों के अस्थि विसर्जन व अन्य धार्मिक कर्मकांड संपन्न करा रहे हैं। हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों के पास उपलब्ध बहियों में यजमानों का पीढ़ी-दर-पीढ़ी पूरा ब्योरा दर्ज है। धार्मिक कर्मकांड कराने के लिए आने वाले यजमानों को सभी सुविधाएं भी पुरोहितों की ओर से उपलब्ध कराई जाती हैं। लेकिन, संस्कृत अकादमी पुरोहितों के अधिकारों पर कुठाराघात करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने अकादमी की मुक्ति योजना पर तत्काल रोक लगाने की मांग उठाई।

महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने आरोप लगाया कि संस्कृत अकादमी धार्मिक कर्मकांडों का व्यवसायीकरण करना चाहती है। इसे कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। कहा कि पुरोहित शास्त्र-सम्मत विधि से धार्मिक कार्य संपन्न कराते हैं। लेकिन, संस्कृत अकादमी की योजना किसी भी दृष्टि से शास्त्र-सम्मत नहीं है। प्रतिनिधिमंडल में श्रीगंगा सभा के समाज कल्याण मंत्री नितिन गौतम व उज्जवल पंडित, स्वागत मंत्री डा. सिद्धार्थ चक्रपाणि, प्रचार मंत्री गोपाल प्रधान, सचिव शैलेष मोहन, अवधेश पटुवर व विकास प्रधान शामिल थे।

बता दें कि मुक्ति योजना के तहत अस्थि विसर्जन के लिए संस्कृत अकादमी की ओर से बनाए जा रहे पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। फिर स्वजन हरिद्वार स्थित संस्कृत अकादमी के पते पर कूरियर से अस्थियां भिजवाएंगे। इसके बाद अकादमी स्वजन के पंडों से संपर्क कर अस्थि विसर्जन कराएगी। इसके लिए सौ डालर का शुल्क रखा गया है।

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