वेतनमान को लेकर दिव्यांग कर्मचारी भूख हड़ताल पर

जागरण संवाददाता हरिद्वार बीएचईएल ईएमबी के दिव्यांग कर्मचारी निर्मल कुमार पांडेय ईएमबी द्वा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Jul 2019 08:52 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jul 2019 08:52 PM (IST)
वेतनमान को लेकर दिव्यांग 
कर्मचारी भूख हड़ताल पर
वेतनमान को लेकर दिव्यांग कर्मचारी भूख हड़ताल पर

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: बीएचईएल, ईएमबी के दिव्यांग कर्मचारी निर्मल कुमार पांडेय ईएमबी द्वारा संचालित विभिन्न विद्यालयों के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वर्ष 2016 से वेतनमान नहीं दिए जाने के विरोध में भेल मेन गेट के निकट भूख हड़ताल पर बैठे हैं। पहले दिन लगाया टेंट भेल प्रशासन द्वारा जब्त करने पर श्री पांडे अपनी पुत्री अमिता पांडे के साथ बस स्टैंड पर ही भूख हड़ताल पर बैठ गए। निर्मल कुमार पांडे ने कहा कि ईएमबी ने हमेशा से ही बीएचईएल कर्मचारियों और टीचर्स के साथ सौतेला व्यवहार किया है । न समय पर प्रमोशन, न ही वेतन आयोग, यहां तक कि मेडिकल सुविधाओं को लेकर भी पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। तीन साल से एडमिशन बंद कर दिए गए हैं। स्थिति यह हो गई है कि नौ स्कूलों में से आज मात्र तीन स्कूल रह गए हैं। इन्हें भी एक दो साल में बंद करने की धमकी दे रहे हैं। अपनी सारी उम्र विद्यालयों के नाम करने वाले टीचर्स और कर्मचारी उम्र के इस पड़ाव पर अब कहां जाएंगे। जबकि रिटायरमेंट के पांच, आठ और दस साल रह गए हैं। ईएमबी के स्कूलों में कार्यरत कर्मचारियों को केंद्रीय विद्यालय के समकक्ष वेतन भत्ते एवं अनुमन्य सुविधाएं प्रदान नहीं की जा रही हैं। ईएमबी मैनेजमेंट समय-समय पर अपनी सुविधानुसार कर्मचारियों को दिए जाने वाले लाभों में कटौती कर रहा है। कई वर्षों से कर्मचारियों के प्रमोशन बंद कर दिए गए हैं। उनको दिए जाने वाला न्यूनतम बोनस भी नहीं दिया जा रहा है। साथ ही ट्रांसपोर्ट एलाउंस के रूप में शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को दिए जाने वाले एरियर का भुगतान भी नहीं किया गया है। सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट आने के बाद कर्मचारियों को उम्मीद थी कि पूर्व की भांति उन्हें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार भुगतान होगा। कितु 2016 से अब तक उनको वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए हैं पिछले एक साल से सेवानिवृत्त एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों को उनकी भविष्य निधि का पैसा भी नहीं मिला है।

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