विकास के नाम पर पर्यावरण से छेड़छाड़ गलत: सागर धारा

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: गंगा नदी में खनन बंद कराए जाने और गंगा और उसकी सहायक नदियों

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Aug 2018 03:02 AM (IST) Updated:Wed, 01 Aug 2018 03:02 AM (IST)
विकास के नाम पर पर्यावरण से छेड़छाड़ गलत: सागर धारा
विकास के नाम पर पर्यावरण से छेड़छाड़ गलत: सागर धारा

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: गंगा नदी में खनन बंद कराए जाने को लेकर 22 जून से मातृ सदन में अनशनरत प्रो. जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद के समर्थन में अनशन को मातृसदन पहुंचे पर्यावरणविद् सागरधारा ने कहा कि बुलेट ट्रेन से कोई फायदा नहीं होने वाला। सामान्य ट्रेनों की अपेक्षा इसमें चार से पांच गुना अधिक ऊर्जा की खपत होगी। गुजरात और महाराष्ट्र के किसान लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर पर्यावरण से छेड़छाड़ ठीक नहीं है। नदियों में जल की गुणवत्ता और उपयोग के अवसरों को भी बढ़ाना होगा।

मातृ सदन में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में आंध्रप्रदेश के पर्यावरणविद् सागर धारा ने कहा कि लगातार पर्यावरण का दोहन हो रहा है। इसके दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं होंगे। ऐसा नहीं कि सरकार को संभावित नुकसान की जानकारी नहीं है, फिर भी गंभीरता नहीं दिखा रही। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन दौड़ाने की तैयारी चल रही है, लेकिन महाराष्ट्र और गुजरात के किसान इसके पक्ष में नहीं हैं। इसे लेकर किसान तलाश्री में दो दफा विरोध भी जता चुके हैं। सामान्य ट्रेनों के मुकाबले में इसमें ऊर्जा की खपत चार से पांच गुना अधिक होगी। जीवन शोध चक्र में यह बात सामने आ चुकी है। यहां तक कि आइआइएम अहमदाबाद की स्टडी में भी यह बात सामने आई कि रोजाना 100 ट्रिप लगाने के बाद ही इस ट्रेन के संचालन से सरकार को फायदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि पहले नदियों के जल को प्रदूषित किया जा रहा है, फिर प्रदूषण कम करने को योजनाएं बनाई जा रही हैं। यह काम अमेरिका और यूरोप भी करते आ रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग से होने वाला नुकसान अमेरिका और यूरोप जैसे देशों की ही देन है। कहा कि सीरिया और इजराइल के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद का मूल कारण नदी जल का बंटवारा ही है। कावेरी नदी के पानी को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच चल रहा विवाद न्यायालय तक पहुंच गया है। वह दिन दूर नहीं जब ¨सधु नदी भारत और पाक के बीच विवाद का कारण बन सकती है। कहा कि पर्यावरण से छेड़छाड़ के चलते ही उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि हो रही है। गंगा की अविरलता और निर्मलता को समेकित प्रयास करना होगा।

चीफ सेक्रेटरी का संदेश लेकर पहुंची तहसीलदार

अनशनरत स्वामी सानंद ने कहा कि सोमवार को तहसीलदार चीफ सेक्रेटरी के संदेश को लेकर पहुंची थी। बताया कि वे वीडियो कांफ्रे¨सग के जरिये मातृ सदन परमाध्यक्ष से बात करना चाहते हैं। मातृसदन ने इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए बताया कि खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर जब प्रशासन ने उन्हें दून अस्पताल में भर्ती कराया था, तभी मातृसदन की याचिका पर हाईकोर्ट ने 11 जुलाई को चीफ सेक्रेटरी को आदेश दिया था कि वे 24 घंटे के भीतर सानंद से वार्ता कर उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करें, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अब बातचीत का कोई मतलब नहीं है।

आज से तीन दिन तक अनशन करेंगे सागर धारा

गंगा नदी में खनन बंद कराए जाने और गंगा और उसकी सहायक नदियों पर बन रहे बांध को बंद करने की मांग को लेकर अनशनरत स्वामी सानंद के समर्थन में बुधवार से तीन दिन तक पर्यावरणविद् सागर धारा भी मातृसदन में अनशन करेंगे। पर्यावरणविद् सागर धारा ने बताया कि स्वामी सानंद के अनशन को समर्थन देने देश के विभिन्न प्रांतों से सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोग पहुंचेंगे।

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