28 मरीजों में 14 की रैपीड जांच पॉजीटिव

जागरण संवाददाता रुड़की शहर और आसपास के क्षेत्रों में डेंगू एवं वायरल फीवर का प्रकोप

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Oct 2019 07:42 PM (IST) Updated:Fri, 11 Oct 2019 07:42 PM (IST)
28 मरीजों में 14 की रैपीड जांच पॉजीटिव
28 मरीजों में 14 की रैपीड जांच पॉजीटिव

जागरण संवाददाता, रुड़की: शहर और आसपास के क्षेत्रों में डेंगू एवं वायरल फीवर का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को भी सिविल अस्पताल में वायरल से पीड़ित मरीज काफी संख्या में पहुंचे। वहीं 14 मरीजों की रैपीड जांच पॉजीटिव मिली। अब इन मरीजों के रक्त के सैंपल एलाइजा जांच के लिए हरिद्वार भेजे जाएंगे।

शुक्रवार को सिविल अस्पताल में रजिस्ट्रेशन काउंटर से लेकर ओपीडी और पैथोलॉजी के बाहर मरीजों की भारी भीड़ देखने को मिली। ओपीडी में उपचार के लिए आने वाले अधिकांश मरीजों में वायरल की शिकायत पाई गई। वहीं वायरल से पीड़ित 28 मरीजों में डेंगू के लक्षण मिले। इसके बाद इन मरीजों के रक्त का सैंपल लेकर उनकी रैपीड जांच की गई। इन 28 में से 14 मरीजों की रैपीड जांच पॉजीटिव मिली है। हालांकि इन मरीजों के रक्त के सैंपल की एलाइजा जांच के बाद ही उनमें डेंगू है या नहीं, इसकी पुष्टि हो सकेगी। इसके लिए इन सभी मरीजों के सैंपल जांच के लिए हरिद्वार भेजे जा रहे हैं। इससे पहले गुरुवार को 30 मरीजों में डेंगू के लक्षण पाए गए थे। इनके रक्त के सैंपल की रैपीड जांच करने पर नौ की जांच रिपोर्ट पॉजीटिव मिली। उधर, सिविल अस्पताल के डॉक्टर नितीश कुमार के अनुसार शुक्रवार को ओपीडी में आने वाले मरीजों में 95 फीसद से अधिक मरीज वायरल से पीड़ित होकर पहुंचे। ----------

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डेंगू वार्ड फुल, डेंगू के 13 मरीज भर्ती

रुड़की: सिविल अस्पताल में शुक्रवार को डेंगू वार्ड मरीजों से फुल नजर आया। यहां पर डेंगू के सात मरीज भर्ती हैं। इसके अलावा बच्चों के वार्ड में दो मरीज हैं। जबकि सामान्य वार्ड में चार डेंगू के मरीज भर्ती हैं। वहीं अस्पताल की ओपीडी में रोजाना काफी संख्या में ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं, जिनमें डेंगू के लक्षण पाए जा रहे हैं।

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डॉक्टर और तीमारदार के बीच नोकझोंक

रुड़की: शुक्रवार को सिविल अस्पताल में एक डॉक्टर और डेंगू वार्ड में भर्ती एक मरीज के तीमारदार के बीच तीखी नोकझोंक के बाद हंगामा हो गया। जानकारी के अनुसार डेंगू पीड़ित का तीमारदार वार्ड में तैनात नर्स से मरीज के रक्त का सैंपल दोबारा स्वयं लेने की जिद करने लगा। जब वार्ड में राउंड पर आए डॉक्टर ने ऐसा करने से मना किया तो तीमारदार और डॉक्टर के बीच बहस हो गई। इसी बात को लेकर तीमारदार ने हंगामा कर दिया। किसी तरह से मामला शांत हुआ। उधर, तीमारदार के मरीज के स्वास्थ्य में सुधार के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

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