आइआइटी रुड़की के दीक्षांत समारोह का समापन, इतने छात्रों को मिली डिग्री

आइआइटी रुड़की के दीक्षांत समारोह के दूसरे दिन मास्टर्स और पीएचडी के 1077 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sun, 07 Oct 2018 07:20 PM (IST) Updated:Sun, 07 Oct 2018 07:20 PM (IST)
आइआइटी रुड़की के दीक्षांत समारोह का समापन, इतने छात्रों को मिली डिग्री
आइआइटी रुड़की के दीक्षांत समारोह का समापन, इतने छात्रों को मिली डिग्री

रुड़की, [जेएनएन]: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की में वार्षिक दीक्षांत समारोह के दूसरे दिन मास्टर्स और पीएचडी के 1077 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई। साथ ही उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को डिपार्टमेंट गोल्ड मेडल और अन्य पुरस्कारों से नवाजा गया। 

आइआइटी रुड़की में आयोजित दो दिवसीय दीक्षांत समारोह का रविवार को समापन हुआ। समारोह के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन आरसी भार्गव उपस्थित रहे। उन्होंने निर्माण क्षेत्र में साझेदारियों एवं तकनीकियों के विकास की अहमियत के विषय में बताया। कहा कि वर्तमान में इंडस्ट्री लीडर्स के लिए सरकार और लोगों के साथ विश्वास कायम करने के अलावा ऐसी प्रौद्योगिकी का विकास करना जरूरी है जो भारतीय उद्योग जगत को भावी प्रतिस्पर्धा में आगे रहने की क्षमता दे सके।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में गरीबी अभी भी चुनौती बनी हुई है। बढ़ती जनसंख्या की तुलना में शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। अच्छे कॉलेजों की संख्या पर्याप्त नहीं होने के कारण ही एक बड़ी संख्या में छात्रों को विदेशों में जाकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है। ऐसे में सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है।

भार्गव ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि इस संस्थान से पढ़ाई कर चुके छात्रों के लिए राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी निभाने का समय आ गया है। अपने कौशल और ज्ञान का लाभ लेते हुए निर्माण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दें। आइआइटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने शोध के क्षेत्र में संस्थान की उपलब्धियों और अनुसंधान एवं विकास आधारभूत संरचना में हुए विकास के बारे में जानकारी दी।

इनमें पिक्रिक अम्ल (एक विस्फोटक) और साइनाइड आयनों का नग्न आंखों से पता लगाना, हाइड्रोलिक टर्बाइन प्रयोगशाला, लार्ज स्केल स्यूड़ो डायनामिक परीक्षण सुविधा का विकास, भूकंपीय वैधशाला, उपग्रह आधारित कृषि सूचना प्रणाली, शल्य चिकित्सा उपरांत संक्रमण रोकने के लिए ड्रग एलिङ्क्षटग मेटलिक आर्थोपेडिक इम्प्लांट आदि शामिल रहे। इस मौके पर दीक्षांत भवन में अतिथि, सीनेट के सदस्य, संकाय सदस्य, अभिभावक और डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। 

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