उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर पूर्ण किया अनुष्ठान

जागरण संवाददाता रुड़की उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ पर्व संपन्न हो

By JagranEdited By: Publish:Sun, 03 Nov 2019 05:38 PM (IST) Updated:Sun, 03 Nov 2019 05:38 PM (IST)
उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर पूर्ण किया अनुष्ठान
उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर पूर्ण किया अनुष्ठान

जागरण संवाददाता, रुड़की: उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ पर्व संपन्न हो गया। रविवार को छठ पर्व के अंतिम दिन उगते हुए सूर्यदेव को अ‌र्घ्य देने के लिए गंगनहर के घाटों पर व्रती महिलाओं और अन्य श्रद्धालुओं की खासी भीड़ देखने को मिली। भगवान भाष्कर और छठी मैया के पूजन के बाद लोगों ने आतिशबाजी कर खुशी मनाई।

छठ पर्व के चौथे व समापन के दिन सूर्य और छठी मैया की उपासना के लिए सूर्योदय से पूर्व व्रती महिलाएं स्वजनों के साथ घाटों पर पहुंची। टोलियों में बंटी श्रद्धालुओं की टोली पारंपरिक छठ गीत 'कांचहि बांस के बहंगिया, बइंगी लचकत जाए' का गान करते हुए गंगनहर के घाट पर पहुंची। सूर्योदय होते-होते गंगनहर घाट के दोनों ओर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंच गई। व्रती महिलाओं और अन्य श्रद्धालुओं ने शनिवार को अस्त होते हुए सूर्य को जिस स्थान पर अ‌र्घ्य दिया था उसी जगह पर पुन: जल में प्रवेश कर अ‌र्घ्य को तैयार रहीं। व्रतियों ने बांस की टोकरी और सूप में ऋतु फल, कंद मूल और विभिन्न प्रकार के पकवानों से सूर्यदेव को अ‌र्घ्य दिया। साथ ही छठी मैया की पूजा-अर्चना की। महिलाओं ने पूजन गीत ' सेई ले चरण तोहार,' 'ऐ छठी मइया सुनि लेहू अरज हमार', 'केरवा जे फरेला घवद से, ओह घवदि सुगा मंडराय,' 'कईली बरतिया तोहार हे छठी मैया', 'भोरे-भोरे मंगबे जरूर, दर्शन दीही हे छठी मईया' आदि गीतों का गान की। साथ ही सूर्यदेव और छठी मैया से संतान की रक्षा और घर-परिवार में खुशहाली बनाए रखने की मनोकामना की। सूर्यदेव और छठी मैया की आराधना के बाद प्रसाद ग्रहण कर व्रती महिलाओं ने पिछले 36 घंटों से चले आ रहे निर्जला व्रत का समापन किया। इसी के साथ नहाय खाए से शुरू हुए चार दिवसीय छठ पर्व का समापन हो गया। इस मौके पर पूर्वाचल एकता समिति रुड़की के अध्यक्ष के दुबे, जयप्रकाश यादव, जितेन्द्र सिंह, एसडीएम संतोष कुमार पांडे, डिप्टी कमिश्नर अभय पांडे, राकेश कुमार त्रिपाठी, कर्नल परमहंस सिंह, जेलर जेपी द्विवेदी, एआरटीओ जेएस मिश्रा, संजय श्रीवास्तव, रवि प्रताप शाही, जितेंद्र सिंह, कृष्णा निगम, सुनील यादव, एसएल श्रीवास्तव, जेपी उपाध्याय, राजीव रंजन, ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह, आदि मौजूद रहे।

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जमकर बजे ढोल हुई आतिशबाजी

रुड़की: सुर्योदय के साथ ही गंगनहर घाट पर जमकर आतिशबाजी हुई। इतना ही नहीं ढोल बजाकर लोक गीतों से छठ पर्व मनाया गया। लोक गीत एवं लोकनृत्य के जरिए पूर्वाचल की संस्कृति का नजारा देखने लायक था।

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मोबाइल में किया कैद

रुड़की: जिस समय व्रती महिलाएं और अन्य भगवान सूर्य की उपासना कर रहीं थीं, उस समय घाट पर जबरदस्त भीड़ उमड़ पड़ी। पूजा एवं भीड़ को मोबाइल में कैद करने के लिए होड़ लगी रही। जमकर सेल्फी ली गई। हालांकि इस दौरान पूर्वाचल एकता समिति के पदाधिकारी सेल्फी लेने वालों को गंगनहर के पानी के खतरे से आगाह भी करते रहे। कुछ स्थानीय गोताखोरों को भी यहां पर तैनात किया गया था।

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