चार साल से बिना डॉक्टर के चल रहा पशु अस्पताल

सीमांत क्षेत्र के ग्रामीण पशुपालकों की सुविधा को त्यूणी में खोले गए राजकीय पशु चिकित्सालय में पिछले चार साल से कोई चिकित्सक नहीं है। चिकित्सक की तैनाती नहीं होने से पशु चिकित्सालय से जुड़े सैकड़ों ग्रामीणों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

By Edited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 08:11 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 08:11 PM (IST)
चार साल से बिना डॉक्टर के चल रहा पशु अस्पताल
त्यूणी में खोले गए राजकीय पशु चिकित्सालय में पिछले चार साल से कोई चिकित्सक नहीं है।

संवाद सूत्र, चकराता: सीमांत क्षेत्र के ग्रामीण पशुपालकों की सुविधा को त्यूणी में खोले गए राजकीय पशु चिकित्सालय में पिछले चार साल से कोई चिकित्सक नहीं है। चिकित्सक की तैनाती नहीं होने से पशु चिकित्सालय से जुड़े सैकड़ों ग्रामीणों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा क्षेत्र के दूरस्थ गांवों में खोले गए तीन अन्य पशु सेवा केंद्र स्टाफ की कमी से बंद पड़े हैं। जिम्मेदारों की अनदेखी व तंत्र की उदासीनता से जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर के सीमांत इलाकों में खोले गए पशु चिकित्सालय व पशु सेवा केंद्र बदहाल हैं। चकराता ब्लॉक से जुड़े सीमांत त्यूणी में राजकीय पशु चिकित्सालय में पिछले चार साल से चिकित्सक का पद खाली चल रहा है। यहां तैनात एकमात्र महिला फार्मेसिस्ट के सामने कई तरह की चुनौतियां है, जबकि एक अन्य चतुर्थ श्रेणी कर्मी कुछ समय बाद सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। इसके अलावा शिलगांव खत के पशु सेवा केंद्र कथियान, बाणाधार खत के पशु सेवा केंद्र चिल्हाड़ व मशक खत के पशु सेवा केंद्र बिनसोन में कोई पशु चिकित्साकर्मी नहीं होने से तीनों केंद्र बंद पड़े हैं। चकराता ब्लॉक प्रधान संगठन के अध्यक्ष दिलीप तोमर, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी त्यूणी के अध्यक्ष लायकराम शर्मा व प्रधान संगठन के महासचिव हरीश राजगुरु ने कहा कि पशु चिकित्सालय में डॉक्टर और अन्य स्टाफ कर्मी नहीं होने से स्थानीय ग्रामीण पशुपालक बेहाल हैं। ग्रामीणों के कई बार शिकायत करने से विभागीय अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे। उन्होंने कहा कि त्यूणी पशु चिकित्सालय व तीन अन्य पशु सेवा केंद्रों में पशु चिकित्सक, पशुधन प्रसार अधिकारी व अन्य स्टाफ की कमी से सीमांत क्षेत्र में बीमार पशुओं के उपचार की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा यहां पशुओं के टीकाकरण कार्य भी प्रभावित है। क्षेत्र में बड़ी संख्या में ग्रामीण परिवार पशुपालन व्यवसाय से जुड़े हैं। यहां पशु चिकित्सक व अन्य स्टाफ की कमी से कई ग्रामीणों के बीमार पशु उपचार के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। ऐसे में क्षेत्र में खोले गए इन पशु चिकित्सालय व पशु सेवा केंद्रों का क्या औचित्य है। परेशानी के दौर से गुजर रहे सीमांत क्षेत्र के ग्रामीण पशुपालकों ने सरकार से त्यूणी में स्थायी पशु चिकित्सक की तैनाती जल्द करने की मांग की। साथ ही क्षेत्र के बंद पड़े तीन अन्य पशु सेवा केंद्रों में भी पशुधन प्रसार अधिकारी व अन्य स्टाफ की व्यवस्था करने पर जोड़ दिया, जिससे क्षेत्र के ग्रामीण पशुपालकों को पशु सेवा केंद्रों का लाभ मिल सके। वहीं, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसबी पांडे ने कहा खाली पड़े पशु चिकित्सकों के पदों को भरने की कार्रवाई शासन स्तर से होनी है। विभाग ने उच्च अधिकारियों को मामले से अवगत कराया है।

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