Lockdown में ढील मिलते ही उत्तराखंड में आक्रामक होने लगे वन्यजीव, जानिए कौन से क्षेत्र हैं संवेदनशील

Lockdown में ढील से पिछले दो माह से जंगलों से लगे इलाकों में स्वच्छंद विचरण कर रहे वन्यजीव अब लॉकडाउन में कुछ ढील मिलते ही आक्रामक होने लगे हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sun, 24 May 2020 08:38 PM (IST) Updated:Sun, 24 May 2020 10:15 PM (IST)
Lockdown में ढील मिलते ही उत्तराखंड में आक्रामक होने लगे वन्यजीव, जानिए कौन से क्षेत्र हैं संवेदनशील
Lockdown में ढील मिलते ही उत्तराखंड में आक्रामक होने लगे वन्यजीव, जानिए कौन से क्षेत्र हैं संवेदनशील

देहरादून, केदार दत्त। लॉकडाउन के चलते पिछले दो माह से जंगलों से लगे इलाकों में स्वच्छंद विचरण कर रहे वन्यजीव अब लॉकडाउन में कुछ ढील मिलते ही आक्रामक होने लगे हैं। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की मोहान रेंज में एक हाथी के तीन वाहनों पर हमले की घटना इसकी तस्दीक करती है। सूरतेहाल, जब आने वाले दिनों में लॉकडाउन खुलेगा तो यह टकराव और बढ़ सकता है, जिससे, चिंता भी बढ़ने लगी है। हालांकि, इससे निबटने के मद्देनजर कदम उठाने शुरू कर दिए गए हैं। 

कॉर्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व के अंतर्गत ऐसे संवेदनशील स्थल चिह्नित किए गए हैं, जहां संघर्ष की ज्यादा संभावना है। कोरोना महामारी के मद्देनजर लॉकडाउन होने के कुछ दिन बाद से ही वन्यजीवों की गतिविधियां सड़कों और आबादी वाले क्षेत्रों के इर्द-गिर्द देखी जाने लगीं। राजाजी टाइगर रिजर्व से लगे हरिद्वार में तो हाथी हरकी पैड़ी तक आ गए थे। यही नहीं, जगह-जगह वन सीमा से सटे आबादी वाले इलाकों में गुलदार, भालू जैसे वन्यजीवों की धमक देखी गई। अब जबकि लॉकडाउन में ढील दी गई है तो इससे वन्यजीवों के इस विचरण में भी व्यवधान आया है। इससे वे आक्रामक भी होने लगे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में मानव-वन्यजीवों के बीच टकराव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल सिंह भी इससे इत्तेफाक रखते हैं। वह बताते हैं कि पिछले दो माह से हाथी समेत दूसरे वन्यजीवों को जंगल से लगी सड़कों, रेल मार्गों के आसपास स्वच्छंद विचरण की आदत सी पड़ गई है। अब बदली परिस्थितियों में उनका व्यवहार आक्रामक हो सकता है। इसे देखते हुए रिजर्व से लगे क्षेत्रों में कदम उठाने शुरू कर दिए गए हैं। साथ ही संवेदनशील स्थलभी चिह्नित कर लिए गए हैं।

राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक अमित वर्मा के अनुसार चारों तरफ आबादी से घिरे होने के कारण राजाजी से लगा पूरा क्षेत्र संवेदनशील है। सबसे ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र है हरिद्वार शहर और हरिद्वार-रायवाला 22 किमी लंबा रेल मार्ग। इसके इर्द-गिर्द भी वन्यजीवों की आवाजाही लगातार बढ़ी है, लिहाजा वहां अधिक सतर्कता बरती जा रही है। रेलवे को पत्र लिखा गया है कि जब भी ट्रेनों का संचालन हो तो इसका शेड्यूल रिजर्व प्रशासन को भी उपलब्ध कराया जाए।

संवेदनशील क्षेत्र

कॉर्बट टाइगर रिजर्व

-मोहान से धनगढ़ी, अमडंडा से पनौत, ढेला से सावल्दे और कालागढ़-कोटद्वार मार्ग।

राजाजी टाइगर रिजर्व

-हरिद्वार शहर, हरिद्वार से रायवाला तक रेल मार्ग, हरिद्वार-देहरादून मार्ग

के मध्य चिह्नित स्थल।

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ये उठाए जा रहे कदम

संवेदनशील स्थलों में हाथी समेत दूसरे वन्यजीवों के मूवमेंट पर नजर रखने को

वन्यर्मियों की टीमें तैनात। नियमित रूप से सुबह-शाम कर रहीं गश्त। लोगों से

भी सतर्क रहने और सावधानी बरतने की हो रही अपील। 

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