वन्यजीव अपराधियों पर अब सख्ती से कसेगी नकेल

वन्यजीव अपराधियों पर अब सख्ती से नकेल कसी जा सकेगी। इस सिलसिले में उत्तराखंड उत्तर प्रदेश हिमाचल प्रदेश आपस में अपने-अपने राज्यों में सक्रिय वन्यजीव अपराधियों के साथ ही इनके अपराध करने के तौर-तरीकों के बारे में जानकारियां साझा करेंगे।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 27 Oct 2020 12:48 PM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 12:48 PM (IST)
वन्यजीव अपराधियों पर अब सख्ती से कसेगी नकेल
वन्यजीव अपराधियों पर अब सख्ती से नकेल कसी जा सकेगी फाइल फोटो

देहरादून, राज्य ब्यूरो। वन्यजीव अपराधियों पर अब सख्ती से नकेल कसी जा सकेगी। इस सिलसिले में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश आपस में अपने-अपने राज्यों में सक्रिय वन्यजीव अपराधियों के साथ ही इनके अपराध करने के तौर-तरीकों के बारे में जानकारियां साझा करेंगे। इस बीच वन्यजीवों की सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील मानी जाने वाली उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के सीमा पर दोनों राज्यों के वन्यजीव महकमों ने संयुक्त रूप से गश्त प्रारंभ कर दी है।

वन्यजीव अपराधों की रोकथाम के लिए नेशनल वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो ने पूर्व में सभी राज्यों को वन्यजीव अपराधियों का डाटा बैंक तैयार करने के साथ ही इनसे जुड़ी जानकारियां आपस में साझा करने के लिए कहा था। इस सिलसिले में पहल भी हुई, लेकिन यह पूरी तरह परवान नहीं चढ़ पाई। अब इसे लेकर पूरी गंभीरता से कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

इस कड़ी में उत्तराखंड ने भी पहल की है। राज्य में बावरिया, सपेरों समेत अन्य वन्यजीव अपराधियों के पांच गिरोहों के करीब 50 व्यक्तियों के पूर्व में यहां सक्रिय होने की बात सामने आई है। अब उत्तराखंड अपने पड़ोसी राज्यों से वन्यजीव अपराधों में संलिप्त तत्वों की सूचनाएं व कार्य करने की शैली के बारे में जानकारियां साझा की जा रही हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश में सक्रिय वन्यजीव तस्करों व शिकारियों के बारे में भी जानकारी ली जा रही है।

राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग बताते हैं कि इस पहल से वन्यजीव अपराधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। इस सिलसिले में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश मिलकर संयुक्त रणनीति भी तैयार करेंगे। उन्होंने बताया कि वन्यजीव सुरक्षा के लिहाज से उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश की सीमा को अधिक संवेदनशील माना जाता है। इसे देखते हुए वहां संयुक्त रूप गश्त की जा रही है। इसके अलावा अपराधियों पर नकेल कसने को अन्य कदम भी उठाए जा रहे हैं।

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