मानसून की बेरुखी से सब्जियों का उत्पादन प्रभावित

मानसून की बेरुखी अब सब्जियों के उत्पादन प्रभावित कर रही है। कम बारिश के कारण उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में टमाटर मटर लौकी तोरी आदि की पैदावार प्रभावित हो गई है। वहीं बाहरी राज्यों से भी आवक में गिरावट आ रही है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Thu, 08 Jul 2021 08:51 PM (IST) Updated:Thu, 08 Jul 2021 08:51 PM (IST)
मानसून की बेरुखी से सब्जियों का उत्पादन प्रभावित
आलू भी 20 से 30 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। अन्य सब्जियों का भी कमोबेश यही हाल है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: मानसून की बेरुखी अब सब्जियों के उत्पादन प्रभावित कर रही है। कम बारिश के कारण उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में टमाटर, मटर, लौकी, तोरी आदि की पैदावार प्रभावित हो गई है। वहीं, बाहरी राज्यों से भी आवक में गिरावट आ रही है। इससे सब्जी के दाम भी चढ़ने लगे हैं।

सब्जी आम आदमी की रसोई का बजट बिगाड़ने पर तुली है। खासकर टमाटर और आलू के दामों में वृद्धि से आम आदमी हलकान है। पर्याप्त बारिश न होने से सब्जी की मात्रा और गुणवत्ता दोनों प्रभावित हो रही हैं। पिछली बार इस समय मैदानी राज्यों में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात थे, जिससे सब्जियों की आपूॢत प्रभावित हो गई थी। लेकिन, इस बार जून के अंतिम सप्ताह और जुलाई के प्रथम सप्ताह में 66 फीसद कम बारिश हुई है। वहीं, उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में पैदावार में गिरावट आई है। ऐसे में दून की मंडी में आपूर्ति कम होने से दामों में इजाफा हुआ है।

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आवक की बात करें तो जून की शुरुआत में निरंजनपुर मंडी में रोजाना 10 हजार कुंतल से अधिक फल-सब्जी पहुंचने लगी थी, जो इन दिनों सात हजार कुंतल पर सिमट गई है। हालांकि, थोक में अभी दाम में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है, लेकिन फुटकर व्यापारी बाजार में मनमाने दाम वसूलने से भी नहीं चूक रहे हैं। टमाटर जहां 40 रुपये किलो तक बिक रहा है। वहीं, आलू भी 20 से 30 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। अन्य सब्जियों का भी कमोबेश यही हाल है।

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