अगले साल से कुलांचे भर है पक्षी पर्यटन, तस्वीरों में देखें रंग-बिरंगे परिदों का मनमोहक संसार
Uttarakhand Tourism नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण उत्तराखंड की वादियों में रंग-बिरंगे परिंदों का मधुर कलरव हर किसी को मोहपाश में बांध लेता है। यही वजह भी है कि उत्तराखंड अब पक्षी अवलोकन के बड़े केंद्र के रूप में उभर रहा है।
केदार दत्त, देहरादून। Uttarakhand Tourism नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण उत्तराखंड की वादियों में रंग-बिरंगे परिंदों का मधुर कलरव हर किसी को मोहपाश में बांध लेता है। यही वजह भी है कि उत्तराखंड अब पक्षी अवलोकन के बड़े केंद्र के रूप में उभर रहा है। देश के विभिन्न क्षेत्रों से पक्षी प्रेमी यहां खूबसूरत परिंदों का दीदार करने हर साल आते हैं। इसे देखते हुए अब पक्षी अवलोकन को पर्यटन से जोड़ने की दिशा में सरकार कदम उठाने जा रही है। इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं और कोशिशें रंग लाई तो अगले साल से राज्य में पक्षी पर्यटन कुलाचें भरने लगेगा।
जलवायु विविधता वाले उत्तराखंड की पक्षी विविधता भी बेजोड़ है। देशभर में पाई जाने वाली पक्षियों की 1300 में से करीब सात सौ प्रजातियां यहां चिह्नित की जा चुकी हैं। यही नहीं, प्रतिवर्ष ही बड़ी संख्या में साइबेरिया समेत तमाम देशों से प्रवासी परिंदे यहां पहुंचते हैं तो हिमालयी क्षेत्र में पाए जाने वाले पक्षियों की तादाद भी यहां कम नहीं है।
यह पक्षियों के मोहक संसार का ही परिणाम है कि प्रतिवर्ष देशभर से पक्षी प्रेमी इनके दीदार के लिए उत्तराखंड के नदी, घाटी, मैदानी व उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पहुंचते हैं। पक्षी प्रेमियों को आकर्षित करने के लिए वन महकमा हर साल ही स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल के अलावा पक्षी अवलोकन के कैंप आयोजित करता है, मगर यह गतिविधियां कुछ ही क्षेत्रों तक सिमटी हुई हैं।
लगभग 60 स्थलों पर ही बर्ड वाचिंग की जा रही है, जबकि संपूर्ण उत्तराखंड इस लिहाज से बेहद धनी है। इसे देखते हुए वन महकमे ने अब पक्षी अवलोकन को पर्यटन से जोड़ते हुए इसे तेजी से आगे बढ़ाने की ठानी है।
उत्तराखंड वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी के अनुसार पक्षी अवलोकन के मद्देनजर कैंलेंडर तैयार करने की कवायद की जा रही है।
इसके साथ ही हाल में गंगोत्री नेशनल पार्क समेत उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भी बर्ड वाचिंग की शुरुआत की गई है। गंगोत्री में गिंडाला पक्षी खूब दिखा है, जिसे देखने के लिए पक्षी प्रेमी जम्मू-कश्मीर, सिक्कम जाते हैं।
उन्होंने बताया कि पक्षी अवलोकन को पर्यटन से जोड़कर आगे बढ़ाने की नीति पर गंभीरता से काम चल रहा है। इसके नतीजे अगले साल सर्दियों तक दिखने लगेंगे।
उन्होंने कहा कि पक्षी अवलोकन को पर्यटन से जोड़ने पर स्थानीय निवासियों विशेषकर युवाओं के लिए नेचर गाइड, होम स्टे संचालन समेत रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
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