पंचायती राज ने मांगा कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का ब्योरा, निगरानी के साथ होगी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग में होगी आसानी

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के गति पकड़ने के साथ ही गांव भी इससे अछूते नहीं हैं। हालांकि गांवों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पंचायती राज विभाग मुस्तैदी से जुटा है लेकिन उसके पास ग्रामवार संक्रमित व्यक्तियों की वास्तविक जानकारी नहीं है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 06:45 AM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 06:45 AM (IST)
पंचायती राज ने मांगा कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का ब्योरा, निगरानी के साथ होगी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग में होगी आसानी
पंचायती राज ने मांगा कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का ब्योरा।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के गति पकड़ने के साथ ही गांव भी इससे अछूते नहीं हैं। हालांकि, गांवों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पंचायती राज विभाग मुस्तैदी से जुटा है, लेकिन उसके पास ग्रामवार संक्रमित व्यक्तियों की वास्तविक जानकारी नहीं है। ऐसे में संक्रमितों के साथ ही उनके संपर्क में आए व्यक्तियों की निगरानी में दिक्कतें आना स्वाभाविक है। इसे देखते हुए अब सचिव पंचायती राज एचसी सेमवाल ने सभी जिला पंचायत राज अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे स्वास्थ्य विभाग से ग्रामवार से ब्योरा लें, ताकि गांवों में निगरानी सिस्टम को सशक्त बनाया जा सके।

सरकार ने गांवों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर ग्राम प्रधानों के साथ ही पंचायती राज विभाग के कार्मिकों को जिम्मेदारी सौंपी है। इस कड़ी में विभाग ने गांवों में सैनिटाइजेशन और साफ-सफाई पर फोकस किया गया है। इन कार्यों के अलावा गांव लौटने वाले प्रवासियों के लिए होम आइसोलेशन व क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्था के लिए ग्राम प्रधानों को केंद्र एवं राज्य वित्त आयोग से मिले अनटाइड फंड से 20 हजार रुपये तक की राशि खर्च करने की अनुमति दी गई है। इससे अधिक खर्च आने पर जिलाधिकारी से अनुमति लेनी आवश्यक है।

गांवों में निगरानी रखने को ग्राम स्तर पर तैनात कार्मिकों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। ये कार्मिक ग्रामीणों को जागरूक तो कर ही रहे, किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण नजर आने पर उसे होम आइसोलेशन में रहने को प्रेरित करने के साथ ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र और प्रशासन को सूचित कर रहे हैं। बावजूद इसके इन कार्मिकों के सामने मुश्किल ये भी है कि उनके पास कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का ब्योरा नहीं है। ऐसे में पता नहीं चल पा रहा कि संक्रमित व्यक्ति अस्पताल में है या कोविड केयर सेंटर अथवा होम आइसोलेशन में। 

इसके साथ ही उसके संपर्क में आए व्यक्तियों का पता लगाना कठिन हो रहा है।सचिव पंचायती राज एचसी सेमवाल के अनुसार कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का ब्योरा स्वास्थ्य विभाग के पास होता है। अब सभी जिला पंचायत राज अधिकारी स्वास्थ्य विभाग से ग्रामवार ब्योरा लेकर इसे ग्राम पंचायत स्तर पर तैनात कार्मिकों को भेजेंगे। इससे संक्रमितों पर निगरानी रखने के साथ ही कांट्रेक्ट ट्रेसिंग में मदद मिलेगी।

यह भी पढ़ें- LIVE Uttarakhand COVID 19 Cases News: टिहरी जिले में तीन एसीएमओ स्तर के अधिकारी कोरोना पॉजिटिव

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी