प्रकृति को सजाना, संवारना व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी

रविवार को सूर्या फाउंडेशन ने बाल संस्कार केंद्र तिपरपुर में नौनिहालों ने पौधरोपण कर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Sep 2018 07:26 PM (IST) Updated:Sun, 23 Sep 2018 07:26 PM (IST)
प्रकृति को सजाना, संवारना व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी
प्रकृति को सजाना, संवारना व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी

संवाद सहयोगी, विकासनगर: रविवार को सूर्या फाउंडेशन ने बाल संस्कार केंद्र तिपरपुर में नौनिहालों के साथ मिलकर पौधरोपण करने के साथ ही ग्रामीणों को फलदार व औषधीय महत्व के पौधे बांटे। साथ ही आम लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किया गया। संस्कार केंद्र की प्रभारी ललिता ने कहा कि प्रकृति को सजाना संवारना प्रत्येक व्यक्ति का नैतिक दायित्व है। प्रकृति पर हरियाली बढ़ाने से ही पर्यावरण संतुलित रहेगा। पर्यावरण असंतुलन से धरती पर जीवन का अस्तित्व संकट में पड़ रहा है। इसका नुकसान मानव के साथ ही वन्य जीव व अन्य जंतुओं को उठाना पड़ रहा है। खासकर वनों में रहने वाले शाकाहारी जीवों को भोजन नहीं मिलने से अनेक प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर पहुंच रही हैं, जिससे पारिस्थितिकीय असंतुलन पैदा हो रहा है।

बताया कि धरती पर पारिस्थितिकीय असंतुलन का सीधा असर मानव की दिनचर्या पर पड़ रहा है। वनों से शाकाहारी जीवों के कम होने से मांसाहारी जीव मानवीय बस्तियों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे मानव वन्य जीव संघर्ष बढ़ रहा है। इसमें नुकसान मानव व वन्य जीव दोनों को ही झेलना पड़ रहा है। इसके साथ ही कई नई बीमारियां भी पैदा हो रही हैं जिनका उपचार संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में मानव के अस्तित्व को साल दर साल खतरा पैदा होता जा रहा है। लिहाजा धरती पर जीवन के शांतिपूर्ण व सुखी अस्तित्व को बचाए रखने के लिए पर्यावण संरक्षण जरूरी है। कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जाने वाले प्रयास व्यक्ति को नैतिक जिम्मेदारी के तौर पर लेने चाहिए। फाउंडेशन ने ग्रामीणों को आम, अमरूद, नींबू, आंवला, अमलतास के पौधे बांटे। इस दौरान ¨रकी, नरेंद्र ¨सह, रमेश, राजू आदि मौजूद रहे।

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