उत्तराखंड में रोडवेज की स्थिति पर कल होगा मंथन, चल रहा है करीब 520 करोड़ रुपये के घाटे में

करीब 520 करोड़ रुपये के घाटे में चल रहे राज्य परिवहन निगम यानी रोडवेज की स्थिति में कैसे सुधार किया जाए इस पर सोमवार को सचिवालय में मंथन होगा। इसके लिए बोर्ड बैठक बुलाई गई है जो अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में होगी।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sun, 04 Jul 2021 01:15 PM (IST) Updated:Sun, 04 Jul 2021 01:15 PM (IST)
उत्तराखंड में रोडवेज की स्थिति पर कल होगा मंथन, चल रहा है करीब 520 करोड़ रुपये के घाटे में
उत्तराखंड में रोडवेज की स्थिति पर कल होगा मंथन।

जागरण संवाददाता, देहरादून। करीब 520 करोड़ रुपये के घाटे में चल रहे राज्य परिवहन निगम यानी रोडवेज की स्थिति में कैसे सुधार किया जाए, इस पर सोमवार को सचिवालय में मंथन होगा। इसके लिए बोर्ड बैठक बुलाई गई है, जो अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में होगी। एक बार पहले भी अपर मुख्य सचिव ही रोडवेज के लिए 'संकटमोचक' की भूमिका निभा चुकी हैं, जब दो साल पहले रोडवेज के कर्मचारी संगठन एकजुट होकर बेमियादी हड़ताल पर जाने को तैयार थे। रोडवेज के लिए वेतन व देनदारी का संकट सबसे बड़ा है और बोर्ड बैठक का अहम एजेंडा भी यही है कि कैसे वेतन का प्रबंध किया जाए।

रोडवेज कर्मचारियों को वेतन न मिलने व सेवानिवृत्त कर्मचारियों का लंबित भुगतान न होने का मामला हाईकोर्ट में है। इस प्रकरण पर हाईकोर्ट बेहद गंभीर है और सुनवाई के दौरान रोडवेज के प्रबंध निदेशक व परिवहन सचिव समेत राज्य के मुख्य सचिव को भी तलब कर चुकी है। हाईकोर्ट के आदेश पर ही पिछले दिनों सरकार ने बजट जारी किया है, जिससे कर्मचारियों को दो माह जनवरी व फरवरी का वेतन मिला है। कोरोना काल के कारण बस संचालन काफी कम होने से रोडवेज का घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है।

गत दिनों हाईकोर्ट ने सरकार को यह आदेश दिए हैं कि रोडवेज के लिए रिवाइवल प्लान तैयार किया जाए। जो प्लान रोडवेज प्रबंधन ने बनाया था, उसे हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए ठोस प्लान बनाने के आदेश दिए। इसमें सरकार व रोडवेज प्रबंधन को यह बताना है कि रोडवेज कर्मचारियों को दिसंबर तक का वेतन कैसे दिया जाएगा और जो सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं, उनके देयकों का भुगतान कैसे होगा। इस स्थिति में निजी कंपनी को प्लान बनाने की जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी चल रही है। सरकार की अनुमति के बाद कंपनी का चयन किया जाएगा।

इस समय रोडवेज प्रबंधन पर मार्च से लेकर जून तक का चार माह का वेतन फिर लंबित हो चुका है और चार माह का वेतन व कर्मचारियों के देयकों का भुगतान करने के लिए रोडवेज को कम से कम 150 करोड़ की जरूरत है। बैठक में चर्चा होगी कि वेतन व लंबित भुगतान कैसे करना है बल्कि रोडवेज की आर्थिक स्थिति कैसे सुधारी जा सकती है, इस पर भी चर्चा होगी। कार्यशाला व डिपो समेत कर्मचारियों की संख्या कम करने, अन्य खर्चे घटाने व बसों को डीजल के बजाए सीएनजी किट से संचालित करने पर भी चर्चा होगी। शनिवार को रोडवेज मुख्यालय में अधिकारी पूरे दिन बैठक का एजेंडा बनाने में जुटे रहे।

कर्मचारी यूनियन ने भेजे सुझाव

बोर्ड बैठक को लेकर उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने प्रबंध निदेशक को चार पेज का सुझाव पत्र भेजा है। प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी की ओर से भेजे गए पत्र में अनुबंधित एसी बसों को बस बेड़े से हटाने की मांग की है। अनुबंधित साधारण बस के अलग-अलग डिपो खत्म कर इन्हें देहरादून और हरिद्वार समेत रुद्रपुर से संचालित करने की मांग की गई। यूनियन ने बेटिकट प्रकरण समेत एसीपी व अन्य वित्तीय अनियमितता के मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई, पद के अनुसार कार्य लेने, यूनियन के चुनाव कराने और डग्गामारी पर नियंत्रण लगाने की मांग भी की है।

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