Chardham yatra: चारधाम यात्रा इस बार मानसून से पहले ही पड़ी धीमी

शुरूआती दौर में चारधाम यात्रा नए कीर्तिमान की ओर बढ़ती नजर आ रही थी वहीं अब यात्रा के दो माह पूरे होने से पहले ही यात्रियों की संख्या में भारी कमी नजर आने लगी है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 28 Jun 2019 01:41 PM (IST) Updated:Fri, 28 Jun 2019 01:41 PM (IST)
Chardham yatra: चारधाम यात्रा इस बार मानसून से पहले ही पड़ी धीमी
Chardham yatra: चारधाम यात्रा इस बार मानसून से पहले ही पड़ी धीमी

ऋषिकेश, जेएनएन। चारधाम यात्रा इस बार मानसून से पहले ही धीमी पड़ गई है। शुरूआती दौर में जहां इस बार यात्रा नए कीर्तिमान की ओर बढ़ती नजर आ रही थी, वहीं अब यात्रा के दो माह पूरे होने से पहले ही यात्रियों की संख्या में भारी कमी नजर आने लगी है।

वर्ष 2013 की आपदा के बाद इस वर्ष चारधाम यात्रा खासे जोर-शोर से शुरू हुई थी। प्रशासन ने भी चारधाम यात्रा के लिए विशेष प्रबंध किए थे। सात मई को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो गई थी। जबकि नौ मई को केदारनाथ धाम और दस मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलते ही यात्रा में तेजी आ गई। शुरूआती दौर में ही यात्रियों की खासी संख्या चारधाम यात्रा के लिए पहुंच।

 अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चारधाम यात्रा शुरू होने के पहले सप्ताह में ही संयुक्त रोटेशन से डेढ़ सौ से अधिक वाहन प्रतिदिन यात्रियों को लेकर यात्रा पर रवाना होने लगे थे। चारधाम यात्रा को एक माह पूरा होने तक करीब चार लाख श्रद्धालु तथा संयुक्त रोटेशन की बसों का पूरा बेड़ा यात्रा पर चला गया था और अधिकांश वाहन दूसरे चक्कर के लिए चले गए थे। मगर, पिछले तीन सप्ताह से यात्रा में लगातार यात्रियों की संख्या में कमी आ रही है। 

इस वर्ष पीक सिजन में जहां प्रतिदिन दस से बारह हजार यात्री व संयुक्त रोटेशन की डेढ़ सौ से अधिक बसें यात्रा पर रवाना हो रही थी, वहीं अब यह यात्रियों की संख्या घटकर तीन से चार हजार व बसों की संख्या दस से बाहर ही रह गई है। 

अक्सर पूर्व वर्षों की यात्रा में यह स्थिति मानसून शुरू होने के बाद देखने को मिलती थी। मगर, इस बार मानसून शुरू होने से पहले ही यात्रियों की संख्या में इतनी कमी से परिवहन व्यवसायियों की चिंता बढ़ गई है। 

जून का जाम बड़ा कारण 

चारधाम यात्रा में मानसून से पहले ही यात्रियों की संख्या में इतनी कमी का बड़ा कारण जून माह के दूसरे सप्ताह में उत्तराखंड के मैदानी व पर्वतीय हिस्सों में लगे जाम को भी माना जा रहा है। इस माह के दूसरे सप्ताह में उत्तराखंड में वाहनों का भारी दबाव बना। जिससे रुड़की, हरिद्वार, ऋषिकेश, मसूरी, देहरादून व पहाड़ों में भी कई-कई किलोमीटर लंबे जाम लगे। 12 जून को गंगा दशहरा व 13 जून को निर्जला एकादशी के कारण हरिद्वार और ऋषिकेश पूरी तरह से पैक हो गए थे। स्थिति यहां तक बन गई कि गढ़वाल मंडल को जाने वाले तेल के टैंकर और अन्य आवश्यक सेवाएं भी जहां के तहां रोक दिए गए। नतीजा पहाड़ों में यात्रा मार्गों पर डीजल और पेट्रोल की किल्लत तक हो गई थी। यात्रा मार्ग पर जाम और आवश्यक सेवाओं के टोटे के समाचार राष्ट्रीय स्तर पर खूब सुर्खियां बने। नतीजतन यात्रा पर आने वाले लोगों ने अपने यात्रा के कार्यक्रम ही बदल दिए। 

गुरुवार को चारधाम यात्रा के लिए हुआ पंजीकरण  पंजीकरण केंद्र-------------यात्रियों की संख्या  बस अड्डा ऋषिकेश------------442 राही मोटल हरिद्वार-------------22 रेलवे स्टेशन हरिद्वार-----------32 गुरुद्वारा ऋषिकेश--------------570 दोबाटा----------------------------374 हिना------------------------------330 फाटा------------------------------150 सोनप्रयाग-----------------------1173 गोवि‍ंद घाट--------------------278 पांडुकेशर----------------------------05 कुल यात्री-----------------------3376 25 अप्रैल से अब तक 6,19,855 कुल विदेशी----------------------8449

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