उत्तराखंड में माध्यमिक शिक्षक और छात्र सीखेंगे आपदा प्रबंधन के गुर, पढ़िए पूरी खबर

प्रदेश के शिक्षकों और छात्रों को आपदा प्रबंधन के सिखाने की कवायद शुरू की है। प्रदेशभर के माध्यमिक स्कूलों में इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sat, 07 Sep 2019 03:19 PM (IST) Updated:Sat, 07 Sep 2019 03:19 PM (IST)
उत्तराखंड में माध्यमिक शिक्षक और छात्र सीखेंगे आपदा प्रबंधन के गुर, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड में माध्यमिक शिक्षक और छात्र सीखेंगे आपदा प्रबंधन के गुर, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। अकादमिक, शोध और प्रशिक्षण विभाग ने प्रदेश के शिक्षकों और छात्रों को आपदा प्रबंधन के सिखाने की कवायद शुरू की है। प्रदेशभर के माध्यमिक स्कूलों में इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी। विभाग ने स्कूलों और ब्लॉक स्तर पर ट्रेनिंग देने के लिए मास्टर ट्रेनर तैयार कर लिए हैं। अब ये मास्टर ट्रेनर अपने ब्लॉक और स्कूलों में ट्रेनिंग देंगे। 

अकादमिक, शोध और प्रशिक्षण निदेशक सीमा जौनसारी ने बताया कि इस सत्र से शिक्षक ट्रेनिंग में आपदा प्रबंधन को खास तौर पर शामिल किया गया। बताया कि विज्ञान और गणित के शिक्षकों की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। सामाजिक विज्ञान, हिंदी और अंग्रेजी के शिक्षकों की ट्रेनिंग शुरू होने जा रही है। जौनसारी ने बताया कि प्रदेश के दो हजार से ज्यादा माध्यमिक स्कूलों में यह अभियान चलाया जाएगा।

कहा कि इस ट्रेनिंग के बाद प्रदेश के लगभग 35 सौ शिक्षक और पौने दो लाख स्कूली छात्र आपदा प्रबंधन के गुर सीख चुके होंगे। बताया कि निदेशालय में शिक्षकों की ट्रेनिंग होने के बाद ब्लॉक स्तर पर कैंप आयोजित कर यह ट्रेनिंग दी जानी है। बताया कि शिक्षकों की सहायता और मॉनीटरिंग के लिए डायट और एससीइआरटी के अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई जाएगी। 

स्कूली शिक्षा की समीक्षा और मॉनिटरिंग तेज 

प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए शिक्षा महानिदेशक के आदेशों पर हर विद्यालय की समीक्षा और मॉनीटरिंग शुरू हो गई है। हर जिले के लिए इसके  तहत एक प्रभारी और एक सह प्रभारी नियुक्त किया गया है। 26 लोगों की इस टीम ने अपने-अपने जिलों में निरीक्षण और जांच शुरू कर दी है। 

जिले के लिए तैनात नोडल अधिकारियों को हर जिले के स्कूलों की शैक्षिक, कार्य योजनाओं और परियोजनाओं की समीक्षा करनी होगी। इसमें मासिक परीक्षाओं का रिकार्ड, किताबों और यूनिफॉर्म की उपलब्धता समेत अन्य शैक्षिक गतिविधियां शामिल हैं। इसके अलावा समग्र शिक्षा परियोजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत गतिविधियों और बजट की मॉनीटरिंग भी करनी होगी। हर महीने समीक्षा के बाद सुधारात्मक और उपचारात्मक शिक्षण की कार्ययोजना तैयार कर रिपोर्ट अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक को सौंपनी होगी। समीक्षा के बाद निदेशक विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक को इसकी आख्या देंगे। निदेशालय ने 26 शिक्षकों की सूची फाइनल कर अधिकारियों के हर जिले के लिए कार्यक्रम भी तय कर दिए हैं। 

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इन अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी 

लीलाधर ब्यास और अम्बादत्त बलोदी, अल्मोड़ा 

कुलदीप गैरोला और जय प्रकाश यादव, बागेश्वर 

बंन्दना गब्र्याल और नरबीर बिष्ट, चमोली 

सुभाष भट़्ट और विनोद कुमार, चम्पावत 

बीएस नेगी और कंचन देवराड़ी, देहरादून 

वीएन सिंह और आकाश सारस्वत हरिद्वार 

पीके बिष्ट और शिव पूजन, नैनीताल 

प्रदीप रावत और नागेंद्र बर्त्वाल, पौड़ी 

दिनेश चंद्र गौड़ और हरेराम यादव, पिथौरागढ़ 

शशि चौधरी और हेमलता भट्ट, रूद्रप्रयाग 

अजय कुमार नौडियाल और आरपी डंडरियाल, टिहरी 

गजेंद्र सोन और अत्रेय सयाना, उत्तरकाशी 

आनंद भारद्वाज और एचपी विश्वकर्मा, ऊधमसिंह नगर 

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