बदरीनाथ धाम में आपसी सहमति से होगा अधिग्रहण, स्प्रिचुअल हिल टाउन के रूप में होना है विकसित

स्मार्ट स्प्रिचुअल हिल टाउन के रूप में विकसित करने के लिए भूमि और भवन स्वामियों की सहमति के आधार पर ही भूमि भवन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके लिए उन्हें वर्तमान में निर्धारित सर्किल रेट के अनुसार भूमि के मूल्य का दोगुना प्रतिकर दिया जाएगा।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 11:10 AM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 11:10 AM (IST)
बदरीनाथ धाम में आपसी सहमति से होगा अधिग्रहण, स्प्रिचुअल हिल टाउन के रूप में होना है विकसित
बदरीनाथ धाम में आपसी सहमति से होगा अधिग्रहण।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। बदरीनाथ धाम को मास्टर प्लान के अनुरूप स्मार्ट स्प्रिचुअल हिल टाउन के रूप में विकसित करने के लिए भूमि और भवन स्वामियों की सहमति के आधार पर ही भूमि, भवन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके लिए उन्हें वर्तमान में निर्धारित सर्किल रेट के अनुसार भूमि के मूल्य का दोगुना प्रतिकर दिया जाएगा। इसी तरह भवनों का तकनीकी विभाग से कराए गए मूल्यांकन का दोगुना प्रतिकर दिया जाएगा। कैबिनेट ने इन सभी बिंदुओं पर अपनी मुहर लगा दी है।

प्रधानमंत्री के निर्देशों के क्रम में केदारनाथ की तरह बदरीनाथ को विकसित करने के लिए सरकार ने मास्टर प्लान तैयार किया है। अब इसके अनुरूप बदरीनाथ में विभिन्न कार्य किए जाने हैं, जिसके लिए भूमि व भवनों का अधिग्रहण होना है। कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया है कि सरकारी भूमि पर बने भवनों का तकनीकी विभाग से किए गए मूल्यांकन की धनराशि दी जाएगी। गौरतलब है कि सरकार ने मास्टर प्लान के तहत बदरीनाथ में कार्य शुरू कर दिए हैं। कैबिनेट के इस निर्णय के बाद वहां निर्माण कार्यों में तेजी आएगी।

वन विकास निगम के स्केलरों को राहत

कैबिनेट ने उत्तराखंड वन विकास निगम की रीढ़ कहे जाने वाले स्केलर संवर्ग को भी बड़ी राहत दे दी है। कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार स्केलर संवर्ग की दो वर्ष की दैनिक श्रम के आधार पर की गई सेवा को भी समयमान वेतनमान, एसीपी से जोड़ा जाएगा।

सीएम से मिले सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को उनके आवास पर उत्तराखंड सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त एवं अन्य आयुक्तों ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर आयोग की ओर से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि जिलों में दी जा रही अधिसूचित 265 सेवाओं के संबंध में जिलों को श्रेणीबद्ध किया गया है। इसके तहत प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहने वाले जिलों को सुशासन दिवस पर वर्ष 2019-20 और वर्ष 2020-21 के लिए सेवा का अधिकार पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री धामी ने आयोग से अपेक्षा की कि अपणि सरकार पोर्टल और सीएम हेल्पलाइन का अनुश्रवण भी आयोग द्वारा किए जाने की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने राजस्व न्यायालयों में लंबित वादों पर चिंता जताई और निर्देश दिए गए कि आयोग इसका भी अनुश्रवण करे। इस मौके पर सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त एस रामास्वामी, आयुक्त अनिल रतूडी, डीएस गबर्याल, सचिव गिरीश चंद्र गुणवंत, वरिष्ठ वित्त अधिकारी बीबी ध्यानी उपस्थित थे।

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