इंग्लैंड में मैदान में उतरने से पहले स्नेह राणा ने पिता को किया याद, पढ़ि‍ए पूरी खबर

इंग्लैंड में देश की क्रिकेट टीम से अपना लोहा मनवाने के लिए तैयार उत्तराखंड की बेटी स्नेह राणा ने सीरीज शुरू होने से पहले अपने पिता को याद किया। लंबी बीमारी के चलते कुछ समय पहले ही उनके पिता का निधन हो गया था।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 05 Jun 2021 01:33 PM (IST) Updated:Sat, 05 Jun 2021 01:33 PM (IST)
इंग्लैंड में मैदान में उतरने से पहले स्नेह  राणा ने पिता को किया याद, पढ़ि‍ए पूरी खबर
इंग्लैंड पहुंचकर देहरादून की क्रिकेटर स्नेह राणा ने साउथम्पटन के मैदान के साथ ली सेल्फी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। इंग्लैंड में देश की क्रिकेट टीम से अपना लोहा मनवाने के लिए तैयार उत्तराखंड की बेटी स्नेह राणा ने सीरीज शुरू होने से पहले अपने पिता को याद किया। लंबी बीमारी के चलते कुछ समय पहले ही उनके पिता का निधन हो गया था। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर अपने पिता को याद करते हुए लिखा कि 'पापा दिस इस फार यू' काश आप भी इस वक्त यहां होते। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत ही भावुक एवं गर्व क्षण हैं।

भारतीय महिला क्रिकेट टीम आगामी 16 जून से शुरू होने वाली तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए इंग्लैंड पहुंची है। दायें हाथ की बल्लेबाज स्नेह राणा की टीम में पांच साल के बाद वापसी हुई है। स्नेह ने अपने वनडे करियर की शुरुआत 19 जनवरी 2014 और टी-20 करियर की शुरुआत 26 जनवरी 2014 को श्रीलंका के खिलाफ की। इसके बाद उन्होंने 2016 फरवरी तक भारत की तरफ से सात वन डे मुकाबले खेले और पांच टी 20 मैच खेले।

स्नेह ने सात फरवरी 2016 को अपना आखिरी वनडे और 24 फरवरी 2016 को टी-20 मुकाबला खेला था। साल 2020-21 के घरेलू वनडे टूर्नामेंट में रेलवे की कप्तानी करने वाली स्नेह राणा ने इस साल 18 विकेट चटकाए हैं और 100 से अधिक रन बनाए हैं। इससे पहले स्नेह ने 7 वनडे व पांच टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। 

स्नेह ने नौ वर्ष की उम्र से लिटिल मास्टर क्रिकेट क्लब से खेलना शुरू किया था। क्लब के कोच नरेंद्र शाह ने बताया कि एक मामूली किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले स्नेह राणा ने अपनी मेहनत और जज्बे के बूते यह मुकाम हासिल किया है। उनके पिता इस पूरे सफर में हमेशा उनके साथ रहे इसलिए जब जब कमजोर पड़ी तब तक उनके पिता ने उन्हें मजबूती दी। नरेंद्र ने बताया कि शुक्रवार सुबह उसने हमें इंग्लैंड पहुंच कर उन्हें वहां सुरक्षित पहुंचने का संदेश भेजा था। 

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