उत्तराखंड: शहरी निकायों और पंचायतों की जल्द तय होगी बजट में हिस्सेदारी

91 शहरी निकायों त्रिस्तरीय पंचायतों की बजट में हिस्सेदारी तय करने का काम अंतिम चरणों में है। पांचवां वित्त आयोग इस संबंध में जल्द अपनी रिपोर्ट को अंतिम रिपोर्ट देगा। राज्य में पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडेय की अध्यक्षता में पांचवां वित्त आयोग गठित किया गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Mon, 16 Nov 2020 04:22 PM (IST) Updated:Mon, 16 Nov 2020 11:49 PM (IST)
उत्तराखंड: शहरी निकायों और पंचायतों की जल्द तय होगी बजट में हिस्सेदारी
शहरी निकायों और पंचायतों की जल्द तय होगी बजट में हिस्सेदारी।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। राज्य के 91 शहरी निकायों, त्रिस्तरीय पंचायतों की बजट में हिस्सेदारी तय करने का काम अंतिम चरणों में है। पांचवां वित्त आयोग इस संबंध में जल्द अपनी रिपोर्ट को अंतिम रिपोर्ट देगा। राज्य में पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडेय की अध्यक्षता में पांचवां वित्त आयोग गठित किया गया है। निकायों और पंचायतों की आर्थिक स्थिति को सुधारने और राज्य के राजस्व में उनकी हिस्सेदारी तय करने के काम आयोग को करना है। यह प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। आयोग ने सभी निकायों और पंचायतों को इस संबंध में प्रश्नावलियां भेजीं थीं। इन प्रश्नावलियों के आधार पर शहरी निकायों के साथ 13 जिला पंचायतों, 95 क्षेत्र पंचायतों और 7997 ग्राम पंचायतों की ओर से जरूरी जानकारी आयोग को मुहैया कराई जा चुकी है। 

इसके बाद आयोग ने निकायों और पंचायतों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से जन सुनवाई बैठक में भी सुझाव लेने की प्रक्रिया भी प्रारंभ की। इस कड़ी में बीते माह रुद्रप्रयाग, अगस्त्यमुनि और गोपेश्वर में जिला स्तर पर सुनवाई की जा चुकी हैं। इस दौरान पंचायतीराज संस्थाओं एवं नगरीय स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों व अधिकारियों ने अपनी समस्याएं और सुझाव आयोग के समक्ष रखे। आयोग ने एक और विकल्प भी दिया है। जन प्रतिनिधि अपनी निकायों की समस्या व सुझाव के संबंध में प्रतिवेदन आयोग को दे सकते हैं। 

आयोग बढ़ते शहरीकरण, आबादी के हिसाब से अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता, पंचायतों और निकायों में सुधारों का आकलन भी कर रहा है। साथ ही निकायों व पंचायतों की आर्थिक स्थिति की समीक्षा भी की जा रही है। राज्य सरकार को मिल रहे करों, पथकरों और विभिन्न फीस के रूप में आमदनी में उनकी हिस्सेदारी को अंतिम रूप देने की तैयारी है। दरअसल निकायों को केंद्र और राज्य की सरकारों से धनराशि मिलना सुगम हो चुका है। यही वजह है अब निकायों और पंचायतों को केंद्र सरकार आर्थिक तौर पर सक्षम बनाने के पक्ष में है। इन सभी विभिन्न पक्षों को ध्यान में रखकर आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा। आयोग के सदस्य सचिव व अपर सचिव भूपेश तिवारी के मुताबिक आयोग विभिन्न पक्षों के साथ सलाह-मशविरा कर अपनी रिपोर्ट को जल्द अंतिम रूप देगा।

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