जच्चा-बच्चा की मौत, अव्यवस्थाओं की जांच करेगी समिति

जागरण संवाददाता, देहरादून: दून महिला अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत के बाद सरकार व शासन अब हरकत म

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 03:03 AM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 03:03 AM (IST)
जच्चा-बच्चा की मौत, अव्यवस्थाओं की जांच करेगी समिति
जच्चा-बच्चा की मौत, अव्यवस्थाओं की जांच करेगी समिति

जागरण संवाददाता, देहरादून: दून महिला अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत के बाद सरकार व शासन अब हरकत में दिख रहा है। शुक्रवार को अपर सचिव चिकित्सा शिक्षा युगल किशोर पंत ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। यहा लेबर रूम में पंखे खराब होने, सीलन देख उनका पारा चढ़ गया। उन्होंने 15 दिन के भीतर लेबर रूम किसी बड़ी जगह शिफ्ट करने और अन्य तमाम व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अर्चना श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति की है। यह समिति 15 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। इसमें एक चिकित्सक एम्स और एक अस्पताल की डॉक्टर रहेंगी।

अपर सचिव ने सबसे पहले चिकित्सकों, नर्सिग स्टाफ की बैठक ली। उन्होंने जच्चा की तबीयत बिगड़ने पर उपचार न मिलने, अस्पताल में पैसे मागे जाने, इंजेक्शन, दवा, धागा बाहर से मंगाए जाने समेत अन्य तमाम आरोपों की जाच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी। इसके बाद उन्होंने लेबर रूम, महिला वार्ड का निरीक्षण किया। पत्रकारों से बात करते उन्होंने कहा कि यहां व्यस्थाएं मानकों के अनुरूप नहीं हैं। इसमें सुधार की आवश्यकता है। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन को 15 दिन का समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि नर्सिग स्टाफ की कमी पूरी करने और अन्य संसाधनों को जुटाने के लिए विभाग प्रयास कर रहा है। नई बिल्डिंग निर्माणाधीन है, इसके बनने के बाद व्यवस्थाओं में सुधार हो जाएगा। इस दौरान पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अर्चना श्रीवास्तव, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रदीप भारती गुप्ता, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा, महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. मीनाक्षी जोशी, डॉ. चित्रा जोशी, एनएस कृष्णा रावत, सतीश धस्माना आदि मौजूद रहे।

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कोई पैसा मांगे तो डायल कीजिए 104

महिला अस्पताल में स्टाफ द्वारा पैसे मांगने की भी कई शिकायतें सामने आई हैं। जिस पर अपर सचिव ने कहा कि इससे सख्ती से निपटा जाएगा। यदि कोई भी कर्मचारी पैसे की मांग करता है तो इसकी सूचना इंटीग्रेटेड हेल्पलाइन 104 पर दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस विषय में सभी अस्पतालों में सूचना चस्पा की जाएगी। इस तरह की कोई भी शिकायत आने पर उससे सख्ती से निपटा जाएगा।

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तिमारदारों को रखा दूर

अपर सचिव के निरीक्षण के दौरान अस्पताल प्रशासन बचाव की मुद्रा में दिखा। कई तीमारदार बेड और उपचार न मिलने पर अपनी बात रखना चाहते थे। पर उन्हें अपर सचिव से दूर रखा गया। सुरक्षा कर्मी उन्हें बरामदे से बाहर ही रोके रहे।

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सीएम के आने की सूचना से हड़कंप

महिला अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत के बाद सीएम के निरीक्षण की बात कही जा रही थी। जिस कारण अस्पताल प्रशासन के हाथ पाव फूले रहे। अमूमन गर्भवती व तिमारदार बरामदे में बैठे दिखते हैं। पर उन्हें पार्क में बैठा दिया गया। अस्पताल में साफ-सफाई भी कराई गई। अन्य व्यवस्थाएं भी दुरुस्त की गई।

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