600 बसों में 48 करोड़ रुपये खर्च कर लगेगी सीएनजी किट

जागरण संवाददाता देहरादून अपनी 600 पुरानी डीजल संचालित बसों में ईधन की बचत के लिए सीएनजी किट लगाने जा रहे रोडवेज प्रबंधन को इस पर लगभग 48 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 10:13 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 10:13 PM (IST)
600 बसों में 48 करोड़ रुपये खर्च कर लगेगी सीएनजी किट
600 बसों में 48 करोड़ रुपये खर्च कर लगेगी सीएनजी किट

जागरण संवाददाता, देहरादून: अपनी 600 पुरानी डीजल संचालित बसों में ईधन की बचत के लिए सीएनजी किट लगाने जा रहे रोडवेज प्रबंधन को इस पर लगभग 48 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। रोडवेज की मानें तो सीएनजी लगाने के बाद उसे करीब 50 करोड़ रुपये की सालाना बचत होगी। यानी, सीएनजी किट लगाने पर आने वाला खर्च एक साल की ईधन बचत में पूरा हो जाएगा। वहीं, रोडवेज प्रबंधन ने अनुबंधित बस संचालकों को भी लाभ देने की तैयारी की है। अगर अनुबंधित बस संचालक बस को सीएनजी में बदल देते हैं तो उनके साथ दो साल का अतिरिक्त करार किया जाएगा। अभी पुरानी अनुबंधित बसों पर पांच साल जबकि नई अनुबंधित बसों से छह साल का करार किया जाता है।

शुक्रवार को सचिवालय में अपर मुख्य सचिव एवं रोडवेज बोर्ड की अध्यक्ष राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई बोर्ड की बैठक में प्रमुख मुद्दा सीएनजी बस संचालन का रहा। सवा पांच सौ करोड़ के घाटे में चल रहे रोडवेज प्रबंधन ने खर्चो में कटौती को लेकर अपनी 600 डीजल बसों में सीएनजी किट लगवाने का प्रस्ताव बनाया था, जिसे बोर्ड ने स्वीकृत कर लिया। मौजूदा समय में रोडवेज की अपनी 1050 बसें जबकि 200 अनुबंधित बसें संचालित होती हैं। यह सभी डीजल पर संचालित होती हैं। केंद्र सरकार की योजना के तहत पांच सीएनजी बसों को देहरादून-दिल्ली मार्ग पर चलाया जा रहा है और इन पर कम खर्च आ रहा। रोडवेज की करीब 60 फीसद बसें नियमित दिल्ली मार्ग पर दौड़ती हैं। दून से दिल्ली के एक फेरे में एक बस 525 किमी चलती है। रोडवेज की मानें तो सीएनजी पर डीजल की अपेक्षा प्रति फेरे पर लगभग साढ़े तीन हजार रुपये बचत होगी। सीएनजी बस पर ईधन में प्रति किमी सात रुपये तक की बचत आ रही। डीजल बस एक लीटर में लगभग पाच किमी चल रही हैं, जबकि सीएनजी बस पौने छह किमी प्रति लीटर का एवरेज देती हैं। वहीं, दून में डीजल की मौजूदा कीमत लगभग 93 रुपये प्रतिलीटर है जबकि दिल्ली में सीएनजी 45 रुपये प्रति लीटर है। यदि रोडवेज 600 बस सीएनजी में बदल देता है तो उसे हर साल 50 करोड़ की बचत होगी। रोडवेज डीजल पर सालाना 235 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। सीएनजी के लिए रोडवेज ने अपनी नई कार्यशाला ट्रांसपोर्टनगर में सीएनजी पंप भी लगा लिया है। सीएनजी किट लगवाने को रोडवेज प्रबंधन अगले हफ्ते टेंडर निकालने जा रहा। बसों में जीपीएस, सुरक्षा पर ध्यान

यात्रियों की सुविधा व सुरक्षा के दृष्टिगत समस्त बसों में जीपीएस व सीसीटीवी कैमरे लगाने और हेल्पलाइन शुरू करने का निर्णय लिया गया। मोबाइल एप बनाने का फैसला भी लिया गया। यात्री सफर के दौरान क्या दिक्कत आई, हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करा सकेंगे। हेल्पलाइन 24 घंटे काम करेगी और इसके साथ ही एक हेल्प डेस्क बनाई जाएगी। बसों में महिलाओं की सुरक्षा पुख्ता रखने पर खास ध्यान देने को कहा गया है। आनलाइन टिकट बुक कराने के लिए यात्री अब केवल यूटीसी की वेबसाइट पर निर्भर नहीं रहेंगे। अब रेड बस, मेक माई ट्रिप के साथ ही पे-टीएम, अमेजान, गो-इबो और आइआरसीटीसी की वेबसाइट या मोबाइल एप पर भी टिकट बुक कर सकेंगे। यात्रियों को आनलाइन टिकट बुक करने के अलावा बस की ट्रैकिंग की सुविधा भी मिलेगी।

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