दैनिक जागरण का सड़क सुरक्षा अभियान, आरटीओ प्रवर्तन ने विक्रम चालकों को दिए सुरक्षित यातायात के टिप्स

Road Safety With Jagran दैनिक जागरण के सड़क सुरक्षा अभियान के तहत आरटीओ प्रवर्तन शैलेश तिवारी ने विक्रम चालकों को सुरक्षित यातायात के टिप्स दिए। कहा कि हमारी जरा सी गलती एक परिवार के लिए जीवनभर की सजा हो जाती है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Wed, 30 Nov 2022 02:44 PM (IST) Updated:Wed, 30 Nov 2022 02:44 PM (IST)
दैनिक जागरण का सड़क सुरक्षा अभियान, आरटीओ प्रवर्तन ने विक्रम चालकों को दिए सुरक्षित यातायात के टिप्स
सड़क सुरक्षा अभियान के तहत हरिद्वार रोड पर विक्रम चालकों को सुरक्षित यातायात की जानकारी देते आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी।

जागरण संवाददाता, देहरादून: सड़क हादसे में अगर एक जिंदगी खत्म होती है तो वह महज एक नहीं, बल्कि सात लोग की 'मौत' मानी जाती है। दरअसल, मृत्यु तो एक सदस्य की ही होती है, मगर उसके पीछे परिवार के सात सदस्यों के सपने भी चकनाचूर हो जाते हैं और जिंदगीभर दुख अलग परेशान करता है। यह मानना है दून के आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी का। उन्होंने कहा कि हमारी जरा सी गलती एक परिवार के लिए जीवनभर की ऐसी सजा हो जाती है, जो कभी खत्म नहीं होती। ऐसे में हमें यातायात व परिवहन नियमों का पालन करना चाहिए।

'दैनिक जागरण' की ओर से चलाए जा रहे सड़क सुरक्षा अभियान में मंगलवार को परिवहन और यातायात से संबंधित विषय पर आरटीओ प्रवर्तन शैलेश तिवारी ने हरिद्वार रोड पर विक्रम चालकों को सड़क पर सुरक्षा व सुरक्षित परिवहन की जानकारी दी।

उन्होंने विक्रम चालकों को ओवरटेकिंग कर रहे वाहन को ओवरटेक नहीं करने की सलाह दी। कहा कि कई बार देखा गया है कि हम उस वाहन को ओवरटेक कर जाते हैं, जो पहले ही सड़क पर चल रहे वाहन को ओवरटेक कर रहा होता है। दुर्घटना का यह बड़ा कारण बन जाता है। आरटीओ ने यातायात नियमों और चिह्न की बारीकी से जानकारी देते हुए बताया कि नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे और जिला सड़कों पर कौन सा चिह्न किसलिए होता है।

आरटीओ प्रवर्तन की जुबानी

हमारी लापरवाही से हादसे में किसी की जान जाना मतलब उसकी हत्या करना। हादसों में मृतकों की औसत उम्र 22 से 28 होती है और हादसों की असल वजह तेज रफ्तार होती है।  हादसे में मौत के बाद पीड़ित परिवार के सदस्य यही कहते हैं कि अगर बीमारी से मृत्यु हुई होती तो दिल को तसल्ली भी दे लेते, मगर अब क्या करें। भारत में गाड़ी चलाते सब हैं, लेकिन एमवी एक्ट की जानकारी 90 फीसद लोग को भी नहीं होती। हमारी थोड़ी देर की मस्ती किसी परिवार को बड़ा नुकसान पहुंचा देती है। जिंदगी सीखने के लिए बनी हुई है, इसे ऐसे ही धींगागुश्ती में खराब न करें। सड़क पर अवरोधक न बनें, खुद के साथ दूसरों का भी रखें ख्याल।

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