रोड कटिंग से भूस्खलन, दो गांवों का रास्ता मलबे में दबा
जौनसार-बावर की लाइफ लाइन कहलाने वाले कालसी-चकराता राजमार्ग पर दीवार निर्माण कार्य के चलते भूस्खलन से दो गांवों चापनू व अमराया का पैदल रास्ता मलबे में दब गया।
संवाद सूत्र, साहिया: जौनसार-बावर की लाइफ लाइन कहलाने वाले कालसी-चकराता राजमार्ग पर रोड क¨टग व दीवार निर्माण कार्य के चलते भूस्खलन होने से दो गांवों चापनू व अमराया का पैदल रास्ता मलबे में दब गया, जिससे ग्रामीणों का आवागमन ठप हो गया है। 54 परिवारों को खड्ड में उतरकर परेशानी उठाते हुए आवागमन करना पड़ रहा है। दोनों गांवों के ग्रामीणों ने लोनिवि साहिया खंड अधिकारियों से मलबा हटाकर पैदल रास्ता खोलने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि जल्द मलबा हटाकर आवागमन सुचारू न किया गया तो मुख्य मार्ग पर जाम लगाया जाएगा। जुलाई 2017 में बारिश के चलते कालसी चकराता राजमार्ग पर भूस्खलन होने पर चापनू व अमराया गांवों को जाने वाला रास्ता पूरी तरह से तबाह हो गया था। ग्रामीणों ने किसी तरह से अपने खर्चे पर मलबा हटाकर आवागमन के लिए रास्ता खोला था। अब कालसी-चकराता राजमार्ग पर करीब साठ करोड़ रुपये की लागत से हो रहे सुधारीकरण व डामरीकरण कार्य के चलते सोमवार को चापनू व अमराया गांवों को जाने वाले पैदल रास्ते के समीप रोड क¨टग व दीवार निर्माण कार्य चल रहा था। जिसके चलते अचानक भूस्खलन से पैदल रास्ता पूरी तरह से मलबे के कारण बंद हो गया है। जिस पर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा काटा। कहा कि लोनिवि साहिया की लापरवाही से उनका पैदल मार्ग बंद हुआ है। ग्रामीणों जगतराम, रामू, प्रदीप, नरेश, टीकू, भोपालू, सुन्दर ¨सह, चमन ¨सह, इंदर ¨सह, ¨पटू, सजय आदि का कहना है कि पैदल रास्ता बंद होने के कारण दोनों गांवों के ग्रामीण कैद होकर रह गए हैं। ग्रामीणों ने लोनिवि साहिया व तहसील प्रशासन अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि जल्द ही मलबा हटाकर पैदल रास्ता न खोला गया तो कालसी चकराता राजमार्ग पर जाम लगाया जाएगा।