दवा खरीद घोटाले के दोषी कर्मियों से होगी वसूली, पढ़िए पूरी खबर

मुख्यमंत्री ने तकरीबन 18 लाख रुपये के एनएचएम दवा खरीद घोटाले के मामले में दोषी कर्मचारियों से वसूली करने और मामले की एक बार फिर विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं। उत्तराखंड में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन यानी एनआरएचएम दवा घोटाले का मामला वर्ष 2010 में सामने आया था।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 06:45 AM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 06:45 AM (IST)
दवा खरीद घोटाले के दोषी कर्मियों से होगी वसूली, पढ़िए पूरी खबर
एनएचएम दवा खरीद घोटाले के मामले में दोषी कर्मचारियों से वसूली करने निर्देश दिए गए हैं।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तकरीबन 18 लाख रुपये के एनएचएम दवा खरीद घोटाले के मामले में दोषी कर्मचारियों से वसूली करने और मामले की एक बार फिर विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं। उत्तराखंड में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन यानी एनआरएचएम (अब एनएचएम, नेशनल हेल्थ मिशन) दवा घोटाले का मामला वर्ष 2010 में सामने आया था। रुड़की के एक नाले में बड़ी मात्रा में दवाइयां मिलने के बाद इसकी जांच शुरू की गई। यह पाया गया कि दवाइयों की किट ए, किट बी और आशा किट का संपूर्ण उपयोग नहीं हो पाया और यह दवाइयां ड्रग स्टोर में खराब हो गई। इन्हीं में से कुछ नाले में फेंकी गई थी। यह मामला सूचना आयोग तक पहुंचा। 

आयोग ने मामले की जांच सीबीआइ से कराने की संस्तुति की थी। आयोग के निर्देश पर सरकार ने वर्ष 2014 में सीबीआइ को जांच के लिए पत्र लिखा, मगर सीबीआइ की ओर से इसका कोई जवाब नहीं मिला। सितंबर 2019 में अचानक सीबीआइ ने यह मामला हाथ में लेते हुए सरकार को एक पूर्व सीएमओ समेत सात लोगों के नामों की सूची देते हुए इन पर कार्रवाई करने की अनुमति मांगी। सरकार ने इस पर पहले एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में बताया गया कि मामले में जिन लोगों को आरोपित बनाया गया है, उनमें से कई सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इस पर सरकार ने यह जांच सीबीआइ से कराने की बजाए कार्मिक एवं सतर्कता से कराने का निर्णय लिया। कार्मिक एवं सतर्कता ने इस मामले का अध्ययन करने का बाद दोषी कर्मचारियों से नियमानुसार धनराशि वसूलने और मामले की विभागीय जांच का प्रस्ताव दिया। इस पत्रावली पर मुख्यमंत्री ने अपनी संस्तुति दे दी है।

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